डीजल पेट्रोल के बाद अब महंगे खाद्य तेल ने तोड़ी कमर
26 May 2021
877
संवाददाता/in24 न्यूज़.
कोरोना काल और लॉकडाउन के बीच बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है. इसी दौरान खाद्य तेलों की महंगाई ने रसोईघर का ज़ायका बिगाड़कर रख दिया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम तो बढ़ ही रहे थे, लेकिन अब खाद्य तेल की कीमतें भी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले एक साल के आंकड़े पर नजर डालें तो इसमें 50 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है। हालांकि सरकार तेल कीमतों में नरमी लाने का तरीका खोज रही है। दरअसल खुदरा बाजार में खाद्य तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में ही इसमें कम से कम 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ऐसे में जो कच्ची घानी सरसों का तेल 150-155 रुपये का मिल रहा था, वो अब 160-170 के बीच पहुंच गया है। इसी तरह सोयाबीन रिफाइंड के दानों में भी बढ़ोतरी हुई है, जो अब 160 रुपये के आसपास बिक रहे हैं। वहीं सरसों की नई फसल कटने के बावजूद इस तरह कीमतों की बढ़ोतरी ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने सोमवार को सभी हितधारकों के साथ एक बैठक की। इसमें खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने सभी राज्यों, उद्योग के हितधारकों से कीमतों में नरमी के तरीके खोजने को कहा। उनके मुताबिक घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में 62 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि का एक कारण ये भी है कि भारत में तिलहन का घरेलू उत्पादन और उपलब्धता मांग से काफी कम है। वहीं एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 70 फीसदी खाद्य तेल इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्राजील और यूएसए से आता है। ऐसे में देश में तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार के मार्केट कैप पर निर्भर रहती हैं। मौजूदा वक्त में तेल कम होने की वजह से चीन मुंह मांगी कीमत कई देशों को देने को तैयार है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ते हैं और भारत में भी इसका असर दिखता है। फ़िलहाल कोरोना काल है, इसलिए आम आदमी पर इस महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है।