मीरा भायंदर: बीजेपी में गुटबाजी, सांसद कपिल पाटिल की अगुवाई में नहीं पहुंचे नरेंद्र मेहता

 06 Dec 2021  664

संवाददाता/ in24 न्यूज़

 


विश्व की किसी भी राजनीतिक पार्टी में इतनी बड़ी संख्या में सदस्य नहीं है, जितनी कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) में है, कुछ इसी तरह का दावा करते हैं भारतीय जनता पार्टी के नेता. इसलिए उनका यही कहना होता है कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सभी राजनीतिक पार्टियों से सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन जो खबर हम आपको दिखाने जा रहे हैं उसके मुताबिक बीजेपी में भी अब गुटबाजी और खेमे बाजी खुलकर सामने आने लगी है. मसलन के तौर पर, मुंबई से सटे मीरा भायंदर (mira-bhayander) इलाके में भारतीय जनता पार्टी गुटबाजी का दंश झेलने को मजबूर है.

 

बीजेपी के भीतर चल रहा गुटबाजी का खेल तब देखने को मिला, जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में भिवंडी (bhiwandi) के बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल (kapil patil) पहुंचे, जिनके स्वागत के लिए बीजेपी के जिलाध्यक्ष रवि व्यास और उनके समर्थक ही मौके पर नजर आए और पूर्व बाहुबली बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता (narendra mehta), उनके समर्थक और नगरसेवक यहां नदारद रहे. इस गुटबाजी को लेकर स्थानीय पत्रकारों ने बीजेपी सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल से सवाल किया तो उन्होंने, इस गुटबाजी को लेकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, इसके 12 करोड़ सदस्य हैं, तो इसमें लोगों के अलग-अलग विचार होने भी स्वाभाविक है.

 

कपिल पाटिल का कहना है कि कौन सी ऐसी पार्टी है, जिसमें गुटबाजी नहीं है. इसके लिए केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल ने कांग्रेस और शिवसेना का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के दो अलग-अलग नेताओं में मतभेद होना स्वाभाविक सी बात है.

 

वैसे आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी कुछ दिन पहले जब मीरा भायंदर इलाके में पहुंचे थे, तो यहां मौजूद पत्रकारों ने उनसे यही सवाल किया था, चूंकि चंद्रकांत पाटील के दौरे के समय भी सिर्फ रवि व्यास और उनके समर्थक मौके पर मौजूद रहे जबकि नरेंद्र मेहता और उनकी टीम उस दौरान भी यहां नदारद रही और इस बार जब केंद्रीय राज्य मंत्री कपिल पाटिल मीरा भायंदर इलाके में पहुंचे, तो उनके सामने भी जो स्थितियां परिस्थितियां निर्माण हुई, उससे भी साफ तौर पर ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी अब अपनी अखंडता के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने पर मजबूर नजर आ रही है