पंजाब में चुनाव की घोषणा के बाद राम रहीम के डेरों पर लगने लगा नेताओं का डेरा
10 Jan 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
चुनाव के निकट आते ही डेरा प्रमुख राम रहीम के डेरे में नेताओं ने डेरा लगाना शुरू कर दिया है। बता दें कि पंजाब में जब भी चुनावों का दौर होता है, तब-तब डेरों पर नेताओं को देखा जाता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही रविवार को दिखा। पंजाब में चुनाव का ऐलान होते ही प्रदेश के नेता तमाम धार्मिक स्थलों पर देखे जा रहे हैं। रविवार को अकाली दल, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेता बठिंडा में डेरा सच्चा सौदा के एक आयोजन में पहुंचे। बठिंडा के सलबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा के डेरे पर भाजपा के नेता हरजीत ग्रोवाल, सुरजीत ज्याणी, कांग्रेस के मंत्री विजय इंदर सिंगला, पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, पूर्व विधायक हरमिंदर जस्सी और मंगत राय बंसल पहुंचे। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के बठिंडा शहरी सीट के उम्मीदवार जगरूप गिल भी डेरे पर पहुंचे। शिरोमणि अकाली दल के नेता गुलजार सिंह को भी वहां देखा गया। इन सभी नेताओं ने कहा कि उनकी विजिट राजनीतिक नहीं थी, लेकिन चुनाव के ऐलान के ठीक बाद पहुंचने से संकेत साफ था। इस कार्यक्रम में डेरा की राजनीतिक कमिटी के चेयरमैन राम सिंह और स्टेट कमिटी के सदस्य भी मौजूद थे। हालांकि अब तक डेरे की ओर से किसी नेता या दल के समर्थन के बारे में कुछ कहा नहीं गया है। डेरा की ओर से कहा गया है कि सही समय पर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। हालांकि डेरा के सूत्रों का कहना है कि शायद इस बार किसी भी पार्टी के लिए समर्थन का ऐलान नहीं किय़ा जाएगा। इसकी बजाय इस बार सीटवार कुछ उम्मीदवारों के समर्थन पर फैसला लिया जा सकता है। दरअसल डेरा सच्चा सौदा मालवा क्षेत्र की 40 सीटों पर असर रखता है। पूरे पंजाब में सच्चा सौदा के कुल 84 डेरे हैं। इनमें से सलबतपुरा समेत कुल 11 डेरे हैं, जो काफी बड़े हैं। इसी को देखते हुए नेताओं ने डेरे के अनुयायियों का रुख करना शुरू कर दिया है। बठिंडा के सलबतपुरा के ही डेरे में 2007 में एक आयोजन में गुरमीत राम सिंह पर गुरु गोबिंद सिंह जैसा वेश बनाने पर विवाद छिड़ गया था। सिख समुदाय के लोगों का आरोप था कि उन्होंने गुरु की वेशभूषा धारण कर बेअदबी की है। बता दें कि पंजाब में अगले महीने 14 फरवरी को होने वाले चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ ही आप, शिरोमणी अकाली दल और बसपा, पंजाब लोक कांग्रेस व भाजपा गठबंधन के अलावा किसान नेताओं की पार्टी भी मैदान में है।