कांग्रेस सरकार ने जान बूझकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डाला जो निंदनीय और दंडनीय है : स्मृति ईरानी

 12 Jan 2022  438

संवाददाता/in24 न्यूज़.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब में सुरक्षा में हुई चूक को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने जान बूझकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डाला जो निंदनीय और दंडनीय है। भाजपा की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को भंग होते देख मैंने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष कुछ प्रश्न रखे थे। एक टेलीविजन नेटवर्क ने उन प्रश्नों के कुछ चिंताजनक परिणाम राष्ट्र के सम्मुख रखे हैं। पंजाब पुलिस अधिकारियों के बयान एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर सच को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस के अधिकारी का यह वक्तव्य कि मोदी की सुरक्षा भंग होने की जानकारी वह वरिष्ठ अधिकारियों, पंजाब प्रशासन को देते रहे, लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से इस बारे में कोई ऐसा हस्तक्षेप नहीं किया गया जो उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित कर सके। ईरानी ने सवाल पूछा कि आखिर पंजाब पुलिस के आला अधिकारी कांग्रेस के किस बड़े नेता के इशारे पर काम कर रहे थे? उन्होंने कहा कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने बिना जानकारी के प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को क्यों कहा कि पूरी व्यवस्था और रूट सुरक्षित है! पंजाब के वो कौन आला अधिकारी हैं जो इस अलर्ट के बाद भी प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रहे थे? ईरानी ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोदी के सुरक्षा प्रोटोकॉल और उल्लंघन के बारे में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी क्यों जानकारी दी? एक निजी नागरिक, जो गांधी परिवार का सदस्य है, इस विषय में इच्छुक क्यों है? बता दें कि पांच जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण उन्हें सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान उनके काफिले के आगे रास्ते में प्रदर्शनकारी आ गए जिस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट बेहद असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक मामले में जांच के लिए उच्चतम न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है। बता दें यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है जहां एक नई कमिटी बनाने की बात जारी है।