खेल का मैदान बना राजनीतिक द्वंद का मैदान

 26 Jan 2022  578

महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय टीपू सुल्तान (tipu sultan) को राजनीति गर्म है. पहले तो यह बीजेपी (bjp) बनाम कांग्रेस (congress) था लेकिन अब इसमें शिवसेना (shivsena) भी शामिल हो गयी है. शिवसेना के शामिल होने के बाद अब महाविकास आघाड़ी (mahavikas aghadi) सरकार के घटक दल असमंजस की स्थिति में हैं.

 
दरअसल कांग्रेस नेता और मुंबई के संरक्षक मंत्री असलम शेख (aslam shaikh) 26 जनवरी को मुंबई के मलाड में एक खेल के मैदान का उद्घाटन करने वाले हैं. असलम शेख ने इस मैदान का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया है. इसी नाम को लेकर भाजपा विरोध कर रही है, लेकिन अब शिवसेना ने भी विरोध जताना शुरू कर दिया है।

शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने नाम को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। शिवसेना के स्थानीय नेताओं की मांग है कि इस खेल के मैदान का नाम एपीजे अब्दुल कलाम (apj abdul kalam) के नाम पर रखा जाए। शिवसेना का कहना है कि ठाकरे सरकार में मंत्री असलम शेख ने अगर नाम नहीं बदला तो विरोध जारी रहेगा।

इसके पहले भाजपा के विधायक आशीष शेलार ने शिवसेना की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए तंज कसा था। आशीष शेलार ने कहा था कि, अगर आप अपने इतिहास को भूलकर सत्ता के लिए शरण लेने की तस्वीर देखना चाहते हैं तो आपको उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) के नेतृत्व वाली महा अघाड़ी सरकार के इस इवेंट को देखना चाहिए। यही नहीं उन्होंने तो इसे शिवसेना की दोगली नीति तक बता दिया।

इसके अलावा भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता श्रीराज नायर ने भी इस नाम का विरोध किया है। श्रीराज नायर ने ट्वीट कर लिखा कि, “यह निश्चित रूप से मुंबई की शांति को बर्बाद करने के इरादे से किया गया है लेकिन इससे बचा जा सकता था। महाराष्ट्र एक संत भूमि है और एक क्रूर बर्बर हिंदू विरोधी के नाम पर किसी प्रोजक्ट का नाम रखना निंदनीय है।”