'अपना दल' ने खुद को हिंदुत्व से किया अलग, BJP के लिए असहज वाली स्थिति
07 Feb 2022
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संवाददाता/ in24 न्यूज़
बीजेपी (BJP) की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने एक ऐसा बयान दिया है, जो बीजेपी (BJP) के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है. सोमवार को उन्होंने अपनी पार्टी को 'हिंदुत्व और इससे संबंधित सभी मुद्दों' (Anupriya Patel on Hindutva) से अलग किया। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि, 'उनकी पार्टी वैचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग है। मुस्लिम उम्मीदवार उनकी पार्टी के लिए अछूत (Anupriya Patel on Muslims) नहीं हैं।' बता दें कि अनुप्रिया पटेल इस समय केंद्र में मंत्री भी हैं.
पटेल ने आगे कहा कि, 'हां, हम वैचारिक रूप से भाजपा से अलग हैं। लोग मुझसे हिंदुत्व और इससे जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन सभी मुद्दों से खुद को अलग करती हूं और मेरी पार्टी धार्मिक राजनीति नहीं करती। हम सामाजिक न्याय के लिए खड़े हैं। यही हमारी विचारधारा है।'
पटेल के मुताबिक, 'हमने हमेशा समाज में हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए काम किया है, चाहे सड़कों पर हो या संसद में और यही हमारा दर्शन एवं संस्थापक सिद्धांत हैं और हम इसे बरकरार रखते हैं।' पटेल ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि हर कोई एक उम्मीदवार को धर्म के नजरिए से क्यों देख रहा है।
पिछली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं होने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उम्मीदवारों को धर्म के चश्मे से नहीं देखती है।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले तीन चुनावों, 2014 और 2019 के आम चुनाव तथा 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की सहयोगी रही अपना दल (एस) ने इस बार अपने पहले मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'जब पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जीवित थे, उस समय मेरी पार्टी के पहले विधायक एक मुसलमान थे जो कि प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र से जीते थे और उनका नाम हाजी मुन्ना था। कई मुसलमान अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं इसलिए मेरी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं हैं और मैं उम्मीदवारों के धर्म को नहीं देखती।' उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जनता का रुझान राजग के पक्ष में है और भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राज्य में फिर से सरकार बनाएगा।