राजनीति में कुछ भी संभव है... BJP और कांग्रेस आए एक साथ

 09 Feb 2022  405

संवाददाता/ in24 न्यूज़

 

राजनीति जो न कराये वह कम है. कहते हैं राजनीति में न तो कोई दोस्त है और न ही कोई दुश्मन। एक दूसरे की धुर राजनीतिक विरोधी पार्टी कांग्रेस (congress) और भाजपा (BJP) का गठबंधन हुआ है. यह सम्भव हुआ है मेघालय में. जी हाँ, मेघालय (meghalay) में देश की दो सबसे बड़ी पार्टियां - कांग्रेस और भाजपा - एक साथ गठबंधन में सरकार चलाएंगी। मेघालय में कांग्रेस पार्टी के नेता एम्पीयरन लिंगदोह के नेतृत्व में सभी पांच कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी या एनपीपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को समर्थन दिया है. अब इसमें भाजपा भी शामिल हो गयी है।

लिंगदोह ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने संगमा के मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस में शामिल होने का फैसला किया है। कांग्रेस के सभी पांच विधायकों ने संगमा से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन पत्र दिया।
जानकारों की मानें तो पहले एनपीपी और कांग्रेस पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में कांग्रेस के 12 विधायकों के शामिल होने के बाद दोनों पार्टियां करीब आ गई हैं।

सीएलपी के नेता लिंगदोह ने कहा, "हमने कोनार्ड संगमा के नेतृत्व वाले एमडीए को अपना समर्थन दिया है और आज हम सरकार को मजबूत करने के लिए एमडीए गठबंधन में शामिल हो गए हैं।'

उन्होंने कहा, "हम एक दूसरे के हितों की रक्षा कर रहे हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य हमारे निर्वाचन क्षेत्रों के लिए न्याय की तलाश करना है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए एमडीए सरकार का समर्थन कर रहे हैं कि हमारा संयुक्त प्रयास राज्य को नागरिकों के सामान्य हित में आगे ले जाएगा। उन्होंने आगे कहा, "सभी पांच विधायकों ने यह फैसला किया है और हम साथ हैं क्योंकि हमें हुक्म देने वालों और हम कहां खड़े हैं, के बीच बहुत अंतर है। यह सीएलपी का फैसला है। हमें उम्मीद है कि पार्टी और आलाकमान हमारे फैसले का समर्थन करेगा।"

गौरतलब है कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, इसके बाद भी वह अपनी सरकार नहीं बना सकी। बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की सहयोगी एनपीपी ने एमडीए बनाया और कांग्रेस से सत्ता छीन ली।
मेघालय शुरू से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है, कांग्रेस नेता मुकुल संगमा ने साल 2010 और 2018 के बीच सीएम के रूप में कार्य किया। लेकिन कांग्रेस के भीतर परेशानी पिछले साल अगस्त में और बढ़ गई जब शिलांग के सांसद विसेंट पाला को मुकुल संगमा को दरकिनार करते हुए मेघालय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। टीएमसी अब 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल है।