भारतीय सैनिक चंदू चव्हाण को पाकिस्तान ने किया रिहा !
21 Jan 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
भारतीय फ़ौज के सिपाही चंदू चव्हाण को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है। चंदू चव्हाण की रिहाई 21 जनवरी को दोपहर तक़रीबन ढाई बजे के दरमियान हुई। पाकिस्तानी अधिकारियों ने चंदू को रिहा कर भारीय अधिकारियों को सौंप दिया। भारत आने के बाद सबसे पहले चंदू चव्हाण का मेडिकल किया गया। गौरतलब है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद चंदू चव्हाण गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे जहां पाकिस्तानी फ़ौज ने उन्हें बंधक बना लिया था। इसके बाद से उन्हें रिहा कराने की कोशिशें की जा रही थी। 23 वर्षीय चंदू बाबूलाल चव्हाण महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चव्हाण हैं। वह 37वीं राष्ट्रीय रायफल के जवान हैं। उनके भाई भी मिलिट्री में ही हैं उनकी तैनाती फिलहाल गुजरात में हैं।
कुछ दिन पहले ही रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा था कि 22 वर्षीय चंदू को पाकिस्तान से लाने की युद्धस्तर पर कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव भरे रिश्तों के मद्देनजर पाकिस्तान सरकार का कबूलनामा अहम है कि चव्हाण उनके कब्जे में है।
इससे पहले, पाकिस्तानी थलसेना ने इस बात से इनकार किया था कि उसने किसी ऐसे जवान को पकड़ा है जो सितंबर में हुए लक्षित हमलों के बाद नियंत्रण रेखा गलती से पार कर गया था। चंदू बाबूलाल चव्हाण ने 29 सितंबर को दोपहर के समय एलओसी पार कर ली थी। चंदू चव्हाण 37 राष्ट्रीय रायफल्स के जवान हैं। ये वही दिन था जब भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक के होने की बात कबूली थी हालांकि, भारतीय सेना ने पहले ही यह साफ़ कर दिया था कि कथित सर्जिकल स्ट्राइक से इस घटना का कोई लेना देना नहीं है।
इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी राजनयिक सूत्रों ने बताया था कि चंदू बाबूलाल को पाकिस्तानी सैनिकों ने मैनकोट के पश्चिमी इलाके झनद्रुत में अपने कब्जे में लिया था और अब उसे सेना के हेड क़्वार्टर नियाकल में रखा गया हैं। चंदू चव्हाण के पकडे जाने की खबर उसकी नानी लीलाबाई चिंदा पाटिल बर्दाश्त नहीं कर पाई थी। चंदू बाबूलाल चव्हाण के पकडे जाने की खबर जैसे ही उसकी नानी को मिली उनकी तबियत बिगड़ गयी जिससे उनकी मौत हो गयी। आपको ज्ञात हो कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लांच पैड तबाह कर दिए जिसके बाद स्पेशल फोर्सेज के कमांडो ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देते हुए Pok में आतंकियों के तक़रीबन 7 कैंप उध्वस्त कर दिए। लगभग 4 घंटे चले इस ऑपरेशन में कुल 38 आतंकी मारे गए थे।
आतंकियों को बचाने के चक्कर में उक्त सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 2 पाक रेंजर्स भी मारे गए थे। कुलमिलाकर पाकिस्तान द्वारा बंधक बनाये गए भारतीय सेना के जवान को रिहा किये जाने की खबर से न सिर्फ चंदू चव्हाण के परिवार को बल्कि पुरे भारतवासियों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी।