अवैध बाइक टैक्सी के खिलाफ ऑटो रिक्शा संगठनों ने खोला मोर्चा
29 Nov 2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/ in24न्यूज़/पुणे
महाराष्ट्र के पुणे शहर में इन दिनों ऑटो चालकों ने बाइक टैक्सी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऑटो चालकों का आरोप है कि शहर में गैरकानूनी तरीके से बाइक टैक्सी चलाई जा रही है, जिसे प्रशासन तत्काल बंद करवाए. अपनी मांगों को लेकर ऑटो रिक्शा चालकों ने आरटीओ कार्यालय के बाहर इकठ्ठा होकर जमकर धरना आंदोलन किया. उक्त आंदोलन में शहर भर से लगभग हजारों की संख्या में ऑटो रिक्शा चालक आरटीओ कार्यालय के बाहर जमा हुए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. रिक्शा चालकों ने मांग की है कि सरकार रिक्शा चालकों की समस्याओं का शीघ्र ही निराकरण करें. ऑटो चालकों के संगठन की तरफ से चेतावनी दी गयी है कि यदि उनकी मांगों को माना नहीं गया तो आने वाले दिनों में तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा और ऐसे में यदि कायदा व सुव्यवस्था का माहौल बिगड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. इस रिक्शा आंदोलन में शहर के विभिन्न रिक्शा संगठनों ने भाग लिया और उन्होंने यात्री सेवा बंद रखी. इस वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. 'बघतोय रिक्शावाला संघटना' के अध्यक्ष केशव क्षीरसागर का कहना है कि शहर के 'रिक्शाचालकों को घर-वर कुछ नहीं चाहिए, उन्हें सिर्फ उनका भाड़ा मिलना चाहिए. संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि पिछले आठ सालों से ऑनलाइन बुकिंग शुरु होने के कारण रिक्शा चालकों के हाथ का रोजगार छिन गया है. कई लोगों को भूखे मरने की नौबत आ गई है. इससे ऑटो चालकों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बाइक सेवा बंद करने का निर्णय लें, वर्ना भविष्य में इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा. ऑटो चालकों के संगठन ने अपने प्रलंबित मांगों को लेकर भी नारेबाजी की. अवैध बाइक टैक्सी के खिलाफ शहर के रिक्शा संगठनों ने लामबंद होकर हड़ताल में भाग लिया. इस आंदोलन में दोनों शहरों (पुणे और पिंपरी-चिंचवड़) के 17-18 संगठनों ने भाग लिया. आरटीओ के सामने हजारों की संख्या में रिक्शा को खड़ा किया. रिक्शा की कतार संगम ब्रिज से वाकड़ेवाड़ी एसटी स्टैंड तक पहुंच गई थी. जिसके कारण संगम ब्रिज से लगभग चार किलोमीटर लंबी कतार लग गई. रिक्शा चालकों की हड़ताल के कारण जहांगीर हॉस्पिटल की ओर जाने वाले ट्रैफिक को पुलिस ने बंद कर दिया था. जिससे शाहिर अमर शेख चौक से जुना बाजार मार्ग और आंबेडकर सांस्कृतिक भवन की ओर जाने वाली सड़क और आरटीओ की ओर जाने वाले रोड पर भारी ट्रैफिक जाम हो गया था. जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस आंदोलन में महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत, बघतोय रिक्शावाला फोरम, आम आदमी रिक्शाचालक संघटना पुणे शहर (जिल्हा), वाहतूक सेवा संघटना, शिवनेरी रिक्शा संघटना, अजिंक्य रिक्शा संघटना, महाराष्ट्र नवनिर्माण वाहतूक सेना, आरपीआई रिक्शा वाहतूक आघाडी, एआईएमआईएम रिक्शा चालक संघटना, आशीर्वाद रिक्शा संघटना, शिवा वाहतूक संघटना, राष्ट्रीय एकता रिक्शा महासंघ जैसे संगठन शामिल हुए. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर रिक्शाचालकों द्वारा घोषित हड़ताल में पिंपरी-चिंचवड़ शहर के करीब 20 हजार रिक्शाचालकों और मालिकों ने शामिल होकर आंदोलन किया. महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत की ओर से पिंपरी से पुणे आरटीओ कार्यालय तक रैली निकाली गई. पिंपरी में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर चौक, महात्मा जोतिबा फुले और छत्रपति शिवाजी की मूर्तियों को पुष्प अर्पित कर रैली शुरू की गई. महाराष्ट्र रिक्शा पंचायत के संस्थापक अध्यक्ष बाबा कांबले के नेतृत्व में यह रैली निकाली गई प्राइवेट कंपनियों की सहभागिता यात्री यातायात में बढ़ने से रिक्शा और टैक्सीचालकों का बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसी बीच 'रैपिडो' बाइक यात्रियों की आवाजाही कर रही है. इस बारे में बार-बार शिकायतें करने के बाद भी आरटीओ कार्यालय सरकार के अधिकारी और नेता ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसलिए रैपिडो बाइक पूरी तरह से बंद होने तक आंदोलन शुरू रखने की चेतावनी आंदोलनकर्ता रिक्शाचालकों ने दी है. कुल मिलाकर पुणे शहर में बाइक टैक्सी का जमकर विरोध किया जा रहा है ऐसे में बाइक टैक्सी को बंद करा दिया जायेगा या फिर ऑटो रिक्शा संगठनों की मांग ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी, ये देखना बेहद दिलचस्प होगा.