मुंबई के ऐतिहासिक गेट वे ऑफ इंडिया की दीवारों में दरारें, मरम्मत कार्य के लिए अनुमानित लागत 9 करोड़ रुपए
04 Apr 2023
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संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई
दक्षिण मुंबई के अंतर्गत आने वाले गेट वे इंडिया को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी के अनुसार गेटवे ऑफ इंडिया की सुरक्षा दीवार में दरारे पड़ रही हैं. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी स्वयं केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने दी. उन्होंने कहा कि गेटवे ऑफ इंडिया के निरीक्षण के दौरान दीवार की सतह पर कुछ दरारें पड़ गई हैं, लेकिन उसके समग्र ढांचे की संरक्षण स्थिति फिलहाल ठीक-ठाक है. आपको बता दें कि गेट वे ऑफ इंडिया की सुरक्षा दीवार पुरातत्व और संग्रहालय विभाग महाराष्ट्र सरकार के संरक्षण में है. निरीक्षण के दौरान सतह पर कुछ दरारें पाई गईं. हालांकि गेट वे ऑफ इंडिया की समग्र संरचना बेहतर स्थिति में पाई गई है. गेटवे ऑफ इंडिया संरक्षण दीवार के कई जगहों पर पौधे भी देखे गए हैं. गुंबद में लगी वाटर प्रूफिंग और सीमेंट कंक्रीट को भी नुकसान पहुंचा है, जिसके बाद राज्य पुरातत्व और स्थापत्य निदेशालय ने जीर्णोद्धार के लिए शासन को 6.9 करोड़ रुपए का प्रस्ताव सौंपा है. एक सवाल के जवाब में मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है पुरातत्व संग्रहालय विभाग ने एक विस्तृत साइट प्रबंधन योजना तैयार की है गेटवे ऑफ इंडिया के संरक्षण और मरम्मत के लिए 9 करोड़ रुपए की राशि का अनुमान लगाया गया है. महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण सन 1911 में किया गया था. इसे इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम और उनकी पत्नी क्वीन मैरी के स्वागत में बनवाया गया था. इसका निर्माण वास्तुकार जॉर्ज विटेट ने किया था. उन्होंने साल 1914 में इसकी डिजाइन को मंजूरी दी थी, लेकिन इसकी आधारशिला 31 मार्च 1911 को रखी गई थी. इसे पीले बेसाल्ट और कंक्रीट से बनाया गया है. इसे इंडियन-सरसेनिक शैली में डिजाइन किया गया है. इस स्मारक के केंद्रीय गुंबद का व्यास तकरीबन 48 फीट के आसपास है इसकी ऊंचाई 83 फुट है. इसका फेस अरब सागर की ओर है. इस स्मारक को मुंबई का ताजमहल कहा जाता है. फिलहाल दक्षिण मुंबई में स्थित गेट वे ऑफ इंडिया की सुरक्षा दीवार लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है.