12 साल से मुंबई में चल रहे भूस्खलन के हादसे को रोकने का कोई हल नहीं - अनिल गलगली
20 Jul 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
आर्थिक राजधानी मुंबई में भूस्खलन के कारण जान माल का नुकसान और आर्थिक नुकसान होना कोई नई बात नहीं है और राज्य सरकार पिछले 12 वर्षों से भूस्खलन के हादसे को नियंत्रित करने के लिए गंभीर नहीं है। पिछले कई सालों में सड़क हादसों में 310 लोगों की मौत हुई है और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मुंबई की 36 में से 25 विधानसभा की सीटों पर 257 जगहों को पहाड़ी इलाकों में खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि मुंबई स्लम इम्प्रूवमेंट बोर्ड ने राज्य सरकार को प्राथमिकता के आधार पर 22,483 झोपड़ियों में से 9657 झोपड़ियों को स्थानांतरित करने की सिफारिश भी की थी। पहाड़ियों के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाकर शेष झोपड़ियों को सुरक्षित करने का प्रस्ताव भी रखा गया था। अनिल गलगली ने इससे पहले महाराष्ट्र सरकार को मानसून के दौरान 327 जगहों पर भूस्खलन की वजह से चेतावनी दी थी।
वर्ष 1992 से 2023 के बीच भूस्खलन के हादसे में 310 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। मुंबई स्लम इम्प्रूवमेंट बोर्ड ने स्थानांतरण करने की सिफारिश की थी। 2010 में एक व्यापक सर्वेक्षण किया था, और अगर उसी समय पर कार्रवाई की जाती, तो पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की मौत को रोका जा सकता था। बोर्ड की रिपोर्ट और अनिल गलगली के पत्र व्यवहार के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने 1 सितंबर, 2011 को एक कार्य योजना तैयार करने का आदेश नगर विकास विभाग को दिया था। हालांकि, तब से 12 साल बीत चुके हैं, लेकिन नगर विकास विभाग अभी भी इस पर काम ही नहीं शुरू किया है। यानी किसी ने भी मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार एक्शन टेकिंग प्लान (एटीपी) नहीं बनाया है,