भीख मागंने के लिए बंदर का इस्तेमाल, किया गया रेस्क्यू
08 Dec 2021
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संवाददाता/ in24न्यूज़
भीख मांगना एक सामाजिक बुराई है, लेकिन भीख मांगने के लिए बेजुबान जानवरों का इस्तेमाल करना यह कानूनन अपराध है. इसी से जुड़ा एक मामला मुंबई के कांदिवली इलाके से सामने आया है. जहां एक छोटी से बच्ची सड़क पर सिग्नल के ट्रैफिक पर भीख मांग रही थी और उसके साथ एक बंदर का बच्चा भी था, जिसके गले में रस्सी बांधी गयी थी. इस बच्ची के साथ भीख मांगते हुए और भी कुछ लोग मौके पर मौजूद थे. जब इस बात की जानकारी एक पशु प्रेमी एनजीओ मिली, तो एनजीओ के सदस्यों ने तत्काल पुलिस की सहायता से नाबालिग बच्ची और बंदर को छुड़ाया और पुलिस ने नाबालिग बच्ची को बाल सुधार आश्रम भेज दिया। फ़िलहाल रेस्क्यू किए गए बंदर को ठाणे के एनिमल अस्पताल पहुँचाया गया है, जहां उसका इलाज करने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था स्प्रेडिंग अवेयरनेस रेप्टाइल्स रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम यानी सार्प संस्था को जब पता चला कि कांदिवली इलाके में ट्रैफिक सिग्नल पर एक छोटी से बच्ची खुद भीख मांग रही है, और इस काम के लिए वह एक बंदर के बच्चे का इस्तेमाल कर रही है. उन्हें किसी ने ये भी बताया कि भीख मांगने वाली कथित बच्ची ने बंदर के बच्चे के गले में रस्सी बांध रखी है और उसे वो जबरन अपने साथ चलने को मजबूर कर रही है जिसके साथ कई लोग मौके पर हैं. इस बात की जानकारी मिलने के बाद सर्प संस्था की कॉर्डिनेटर ममता कटारिया अपने टीम के अन्य सहयोगियों के साथ वहां पहुची। इसके बाद कांदिवली पुलिस की सहायता से उन्होंने बंदर के बच्चे का रेस्क्यू कराया. बंदर का बच्चा काफी डरा हुआ था और कमजोर भी लग रहा था. इसके अलावा भीख मांगने वाले इस गिरोह में एक ही परिवार के सदस्य शामिल थे. सार्प संस्था ने एक एम्बुलेंस की मदद से बंदर के बच्चे का मेडिकल टेस्ट करवाया और उसे आगे की इलाज के लिए उसे ठाणे के एसपीसीए एनिमल हॉस्पिटल भेज दिया. वहीं नाबालिक लड़की ने बताया कि इसके पिता ने इस बंदर को 5 हजार रूपये में चेन्नई से खरीदा और भीख मंगवाने के उद्देश्य से उसे मुंबई लाया. फिलहाल कांदिवली पुलिस ने नाबालिक लड़की को चिल्ड्रन होंम में भेज दिया है जबकि अन्य भिखारियों पर कार्रवाई करते हुए बेगर्स होम भेज दिया है.