संवाददाता/ in24 न्यूज़
महाराष्ट्र (maharashtra) के किसानों की बदहाली की कहानी किसी के लिए भी अनसुनी नहीं है. देश भर के जिन राज्यों में सबसे अधिक किसानों द्वारा आत्महत्या (farmar suicide) की घटनाएं अब तक सामने आयी हैं उनमें महाराष्ट्र सबसे अव्वल है. यहाँ के किसान न केवल सरकारों के उदासीन रवैये बल्कि मौसम की बेरहमी जैसी दोहरी मार से जूझ रहे हैं. अब एक बार फिर से मौसम ने किसानों पर कहर बरपाया है.
लातूर (latur) जिले के देवनी तहसील के अंतर्गत आने वाले टाकली गांव के किसान मौसम की निर्दयता का शिकार हुए हैं. यहां रहने वाले किसान ज्योतिबा सावंत ने डेढ़ एकड़ जमीन में नींबू के पेड़ लगाए थे, करीब 2 साल बाद यानि पेड़ों की सेवा करने के बाद जब फल लगने का समय आया तो मौसम की क्रूर दृष्टि इन पेड़ों पर पड़ गयी, बेमौसम बरसात से इन पेड़ों पर रोग लग गया, जिसके बाद अब पेड़ पर लगे नींबू के फल कच्ची अवस्था में ही अपने आप टूट कर नीचे गिर रहे हैं.
पीड़ित किसान ज्योतिबा सावंत का कहना है कि उन्होंने इस फसल को तैयार करने में अब तक करीब डेढ़ से 2 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं. लेकिन खराब मौसम और बारिश के कारण नींबू के पेड़ पर लगे रोग से पूरी फसल बर्बाद हो रही है. सावंत ने अब महाराष्ट्र सरकार से मुआवजे की मांग की है, ताकि उनके नुकसान की कुछ भरपाई हो सके.