निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मियों की हड़ताल, कामकाज ठप्प, ग्राहक हुए परेशान

 18 Dec 2021  632

संवाददाता/in24 न्यूज़ 

महाराष्ट्र (maharashtra) के नांदेड़ जिले में बैंकों के निजीकरण (privatezation) के खिलाफ कर्मचारियों द्वारा बुलाई गई दो दिवसीय हड़ताल (bank strike) से पूरा कारोबार ठप हो गया है. इस हड़ताल का आयोजन युनाइटेड फोरम की तरफ से केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ किया गया. हड़ताल में शामिल आंदोलनकारियों का कहना है कि शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में बैंकों के निजीकरण करने के प्रस्ताव को लाने का फैसला कर चुकी है केन्द्र सरकार, जिसका यूनाइटेड फोरम में शामिल अलग अलग कर्मचारी संगठन के सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं. बैंक कर्मचारियों ने इस दौरान दो दिन अपना कामकाज बंद रखा और बैंकों के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार और केंद्रीय वित्त मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्मचारियों के इस आंदोलन में पुरुषों के साथ महिला कर्मचारियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 

वहीं इस मौके पर यूनाइटेड फोरम संघटन के बैनर तले आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1970-1980 में संशोधन करने के लिए कदम उठा रही है, जिससे राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम हो जाएगी। हालांकि सरकार यह जानती है कि वैश्वीकरण देश के गरीबों को और अधिक गरीब और अमीरों को और अमीर बना देगा। यूनाइटेड फोरम का ये भी कहना है कि बैंक ग्राहकों, कर्जदार, हितधारकों , अर्थशास्त्रियों और अन्य राजनीतिक दलों का विरोध करके तानाशाही की परिचायक बन रही है केंद्र की मोदी सरकार और इस तरह के राष्ट्र-विरोधी निर्णय ले रही है, इसलिए निजीकरण के विरोध में नांदेड़ में बैंक कर्मचारी रास्ते पर उतर कर आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से ये निवेदन कर रहे हैं कि निजीकरण के इस फैसले से कल्याणकारी योजनाओं पर विराम लग जाएगा  और आम जनता को कई कठिनाइयों सामना करना पड़ सकता है। तो वहीं बैंक कर्मचारियों के दो दिवसीय हड़ताल की वजह से किसानों और व्यापारियों को  काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा...