मुंबई (mumbai) समेत महाराष्ट्र (maharashtra) के कई जिलों में 15 दिसंबर से कक्षा एक से लेकर 7वीं तक के स्कूलों को फिर से ऑफ लाइन शुरू (school reopen) कर दिया गया है. 21 महीने के बाद इन स्कूलों के खुलने से जहां छात्रों और स्कूल प्रबंधन ने खुशी जताई है, तो वहीं कुछ ऐसे भी अभिभावक हैं जो स्कूल खुलने से खुश नहीं हैं. एक अभिभावक ने ऑफ द कैमरा कहा कि एक तरफ राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अभी तक बच्चों को वैक्सीन की खुराक देने की सरकार की तरफ से अनुमति भी नहीं दी गयी है, आगे क्या होगा भगवान जानें। पिछले साल मार्च 2020 में महामारी के प्रकोप के बाद स्कूलों को बंद कर दिया गया था. इससे पहले, राज्य सरकार ने 4 दिसंबर से स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय किया था, लेकिन कोरोना वायरस के ओमिक्रोन (omicron) वेरिएंट के कारण इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था. खैर, अभिभावक चाहे जो कहें, स्कूल खुलने से सबसे अधिक खुश बच्चे नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में नागपुर में स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल को भी 21 महीने बाद खोल दिया। स्कूल खुलने से बच्चों ने वहां आना शुरू कर दिया है. छात्रों के स्कूल आने पर स्कूल की तरफ से बच्चों को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया गया. साथ ही बच्चों और स्कूल के स्टाफ का टेम्प्रेचर चेक कर सरकार की तरफ से अनिवार्य किये गए कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है.