बिना वसीयत के संपत्ति पर बेटियों का पहला अधिकार, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

 21 Jan 2022  419

संवाददाता/ in24 न्यूज़

संपत्ति पर बेटों का कितना अधिकार होगा और बेटियों का कितना अधिकार होगा, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. एक फैसले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई हिंदू की मौत बिना वसीयत बनाए ही हो जाती है तो उसकी संपत्ति पर बेटियों का पहला अधिकार होगा। चाहे तो पिता की खुद की अर्जित संपत्ति हो या अन्य संपत्ति। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेटी को अन्य सदस्यों की अपेक्षा ज्यादा वरीयता होगी। सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं को संपत्ति के अधिकार से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा कि विल के बिना यदि शख्स की मौत हो जाए तो उसकी मौत के बाद संपत्ति चाहे खुद की अर्जित हो या फिर पैतृक संपत्ति के बंटवारे के बाद उसे मिली हो उनका बंटवारा उनके कानूनी वारिसों के बीच होगा। बेटी ने पिता की खुद की अर्जित संपत्ति में दावेदारी के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 


इसके अलावा पीठ ने यह भी कहा कि अगर हिंदू पुरुष की बेटी अपने अन्य संबंधियों जैसे मृत पिता के भाइयों के बेटे/बेटियों के साथ वरीयता में संपत्ति की उत्तराधिकारी होने की हकदार होगी। पीठ किसी अन्य कानूनी उत्तराधिकारी की अनुपस्थिति में बेटी को अपने पिता की स्वअर्जित संपत्ति को लेने के अधिकार से संबंधित कानूनी मुद्दे पर गौर कर रही थी।