कठुआ गैंगरेप में पठानकोट की अदालत ने सुनाया फैसला

 10 Jun 2019  1071
संवाददाता/in24 न्यूज़.   

आज जहां पूरे देश में छोटी बच्चियों से लगातार बलात्कार और हत्या की घटनाएं सामने आ रही है, वहीं कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में पठानकोट की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. सांची राम समेत तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. वहीं 3 दोषियों को पांच-पांच साल की सजा हुई है. 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या मामले में विशेष अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया था. वहीं, मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे (सातवें आरोपी) विशाल को बरी कर दिया गया. मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई थी जो 3 जून को पूरी हुई थी.  15 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, 10 जनवरी 2018 को बच्‍ची को अगवा कर कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया. चार दिन तक बेहोश रखने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की रोजाना सुनवाई राज्‍य से बाहर पंजाब के पठानकोट में हुई. पठानकोट में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में सुनवाई शुरू हुई थी. पठानकोट जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर है. कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के ट्रांसफर का आदेश दिया था.   संवाददाता/in24 न्यूज़.   

आज जहां पूरे देश में छोटी बच्चियों से लगातार बलात्कार और हत्या की घटनाएं सामने आ रही है, वहीं कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में पठानकोट की अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. सांची राम समेत तीन दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. वहीं 3 दोषियों को पांच-पांच साल की सजा हुई है. 8 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या मामले में विशेष अदालत ने छह लोगों को दोषी करार दिया था. वहीं, मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे (सातवें आरोपी) विशाल को बरी कर दिया गया. मामले की सुनवाई बंद कमरे में हुई थी जो 3 जून को पूरी हुई थी.  15 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, 10 जनवरी 2018 को बच्‍ची को अगवा कर कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर दुष्कर्म किया गया. चार दिन तक बेहोश रखने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की रोजाना सुनवाई राज्‍य से बाहर पंजाब के पठानकोट में हुई. पठानकोट में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में सुनवाई शुरू हुई थी. पठानकोट जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर है. कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के ट्रांसफर का आदेश दिया था.