मां ने बेटे की अर्थी पर गाया लोकगीत
04 Nov 2019
1274
संवाददाता/in24 न्यूज़।
मां तो मां है बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए वो अपनी सारी संवेदना,सारे दर्द को किनारे कर देती है. आज हम आपको एक ऐसा ही मंजर के बारे में बताएंगे जिसे पढ़करआपकी आँखे नम हो जाएँगी। जी हां छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की जहां एक ऐसा वाकिया देखने को मिला जिसने हर किसी को ग़मगीन कर दिया।यहां एक मां ने अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अपनी सारी तकलीफों को दरकिनार कर दिया. लोक कलाकार बेटे को लोक गीत 'चोला माटी के राम..' पसंद था, उसकी इच्छा थी कि उसकी अंतिम यात्रा में ये गीत गाया जाए. बीते शनिवार को बेटे का असमय निधन हो गया. बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए मां ने उसकी अर्थी के सामने बैठकर लोक गीत गाया.राजनांदगांव के तीस वर्षीय रंगकर्मी और संगीतकार सूरज तिवारी का बीते शनिवार को निधन हो गया. सूरज की इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा गीत और संगीत के साथ निकाली जाए. घर से शव यात्रा निकलने से पहले लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने अपने बेटे की अर्थी के सामने जीवन की सच्चाई पर आधारित लोकगीत 'चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा' गाकर उन्हें अंतिम विदाई दी. दाउ मंदराजी अलंकरण से सम्मानित कलाकार मां पूनम तिवारी मंचों पर 'चोला माटी के राम..' यह गीत कई बार गा चुकी हैं, लेकिन उन्होंने जब बेटे की अर्थी के सामने ये गीत गाया तो वहां मौजूद लोग अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और सभी रोने लगे. कला जगत से जुड़े सूरज के साथियों ने तबला, हारमोनियम के माध्यम से संगीत भी दी. कलाकार पूनम तिवारी इसे अपने बेटे के लिए सही श्रद्धांजलि मानती हैं. पूनम तिवारी ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे की यही इच्छा थी, इसलिए उसे पूरा किया. बता दें कि रंगछत्तीसा के संचालक, रंगकर्मी व संगीतकार सूरज हदय रोग से पीड़ित थे. बीते 26 अक्टूबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 2 नवंबर की सुबह उनका निधन हो गया.दुनिया के लिए मां भले ही एक हो लेकिन हमारे लिए तो वो पूरी दुनिया के बराबर होती है.