समय पर इलाज नहीं होने से बच्ची ने तोड़ा दम
06 Nov 2019
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
कोई भी पिता नहीं चाहता कि उसकी औलाद बीमारी की भेंट चढ़े, मगर हॉस्पिटल की लाइन वाली सिस्टम की भेंट चढ़ गई एक पांच साल की मासूम। गौरतलब है कि सेक्टर 30 के जिला अस्पताल में 5 साल की बच्ची ने इलाज नहीं मिलने पर दम तोड़ दिया. आरोप है कि बच्ची का पिता गोद में लेकर एक डॉक्टर के पास से दूसरे के पास दौड़ता रहा. इमर्जेंसी से उसे ओपीडी में भेज दिया गया. ओपीडी में डॉक्टर ने शुरुआती इलाज से पहले एक्सरे कराने भेज दिया. लंबी लाइन से जूझते हुए किसी तरह रिपोर्ट लेकर बच्ची का पिता पहुंचा तो फिर एक लाइन में लगना पड़ा. इन सबमें बगैर इलाज के करीब 3 घंटे बीत गए. जब बारी आई तो डॉक्टर अपने चैंबर से चले गए. इंतजार लंबा हुआ और पिता की गोद में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया. पीड़ित पक्ष के हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने हालात शांत कराया. सेक्टर 49 बरौला निवासी विनीत वाल्मीकि नोएडा अथॉरिटी में सफाईकर्मी हैं. बुखार और सर्दी की दिक्कत से परेशान अपनी 5 साल की बच्ची को लेकर मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंचे थे. यहां सुबह 8 बजे ओपीडी में 151 कमरे में डॉक्टर को दिखाया. विनीत ने बताया कि डॉक्टर ने इलाज शुरू करने से पहले ही एक्सरे कराने भेज दिया. वहां भी लंबी लाइन लगी थी. किसी तरह एक्सरे रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास दोबारा पहुंचे. 2 घंटे लाइन में लगने और इंतजार के बाद डॉक्टर अपने चैंबर में नहीं मिले तो इमर्जेंसी में ले गए. वहां लाइन में लगे थे, तभी बच्ची ने दम तोड़ दिया. डॉक्टर ने एक्सरे रिपोर्ट के आधार पर बच्ची के फेफड़े में खराबी को मौत की वजह बताई. जिला अस्पताल में इमर्जेंसी में ओपीडी के समय डॉक्टर गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को भी नहीं देखते. उन्हें ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए भेज दिया जाता है. सुबह से दोपहर तक रोजाना इमर्जेंसी में ऐसे ही हालात रहते हैं. बच्ची के परिवारीजनों का आरोप है कि अगर इमर्जेंसी में बच्ची को समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बच सकती थी.