विकास के नाम पर पर्यावरण का विनाश !

 22 Nov 2019  1099

अलीम डायर/in24 न्यूज़. मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में मॉडल स्टेशन बनाने के लिए सालों से लगे हरे-भरे पेड़ों को काट दिया जा रहा है. लगातार हो रही पेड़ों की कटाई के बाद सोमवार को पर्यावरण प्रेमियों ने रेलवे स्टेशन परिसर में जमकर हंगामा किया था और पेड़ कटाई के मामले की शिकायत डीआरएम से भी कर दी. वन अधिकारी भी शिकायत करने स्टेशन पहुंचे जिसके बाद ही हरे पेड़ों की कटाई रोकी गयी. बता दें कि रेलवे स्टेशन पर गुना के इंजीनियर द्वारा मॉडल स्टेशन बनाने का कार्य करवाया जा रहा है. गौरतलब है कि सूखे पेड़ और यूकेलिप्टस को काटने की परमिशन टेंडर के माध्यम से यहां पर दी गई थी लेकिन यहां हरे भरे पेड़ों की कटाई पिछले 2 से 3 दिन से की जा रही है. इससे नाराज होकर पर्यावरण प्रेमियों ने आरपीएफ में शिकायत की थी लेकिन इसके बाद भी जब पेड़ो की कटाई जारी रही तो डीआरएम भोपाल को फोन पर समस्या बताई गई. सुपरवाइजर शैलेंद्र सिंह ने कहा कि हमने पहले गलती से इमली का एक पेड़ काट दिया था जिसके बाद हमने परमिशन भी ले ली थी. इसी बीच उपेन्द्र पाराशर ओर अशोक शर्मा ने डीएफओ को शिकायत की तो रेंजर पहुंच गए जिसके बाद हरे भरे पेड़ों की कटाई रुकवाई गई लेकिन इस पूरे मामले में सुपरवाइजर शैलेंद्र सिंह कुछ भी बोलने से कतराते रहे. जानकारी के लिए आपको बता दें कि अशोक नगर के रेलवे स्टेशन का इन दिनों कायाकल्प हो रहा है और यह मॉडल स्टेशन बनने जा रहा है जोकि करीब चार करोड़ 30 लाख की लागत से बनकर तैयार होगा. वहीं स्टेशन के बाहर लगभग 100 फीट ऊंचाई का भारतीय राष्ट्रध्वज भी लगाया जाएगा जिसके लिए जगह का चयन भी हो चुका है. जिस जगह पर ध्वज लगाया जा रहा है उस जगह एक बरगद का विशाल पेड़ सैकड़ों सालों से लगा हुआ है उस पेड़ पर करीब 10000 से 15000 पक्षी अपना आशियाना बनाए हुए हैं उस पेड़ की भी छटाई कर दी गई लेकिन कुछ बरसों पुराने इमली के पेड़ ओर अन्य कीमती पेड़ जो की पार्किंग में लगे हुए थे उन पेड़ों को भी इन्हीं पेड़ों की आड़ में ठेकेदाए की मिलीभगत से काटा गया जबकि ना ठेकेदार के पास उन पेड़ों को काटने की परमिशन है ना ही उसकी कोई नीलामी प्रक्रिया हुई. और इन पेड़ों को काटने के लिए जो आरी चलाई गई उसकी लाइट भी रेलवे के मीटर से तार डालकर ली गई जबकि यह व्यवस्था खुद ठेकेदार को करनी होती है. जब इस पूरे मामले की जानकारी पश्चिम मध्य रेलवे के मंडल अभियंता ऋषि यादव को दी गई तो उन्होंने पार्किंग ठेकेदार के कहने पर इमली के पेड़ काटने की बात कही. अब सवाल ये उठता है कि जहां पूरी सरकारआज पर्यावरण के लिए चिंतित हैं, हर दिन कहीं ना कहीं पेड़ लगाने की बात हो रही है वही रेलवे इन हरे भरे पेड़ों को ठेकेदारों की मिलीभगत से कटवा रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट भी पेड़ काटने की परमिशन पर एक पेड़ के बदले 10 पेड़ लगाने की बात करती है !