सूर्य देव से जुड़ा है मकर संक्रांति का पर्व
14 Jan 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव से जुड़ा है और इस दिन विशेष रूप से उनकी पूजा ही होती है। सूर्य देव मकर संक्रांति पर ही धनु राशि को छोड़कर मकर में प्रवेश करते हैं, इसी से इस संक्रांति का नाम मकर संक्रांति पड़ा है। इस बार 15 जनवरी, बुधवार को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन खासतौर पर पवित्र नदियों में स्नान-दान किया जाता है साथ ही सूर्य को अर्घ्य करने का काफी महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्य देव पंचदेवों में से एक है और साक्षात दिखाई भी देते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम में गणेशजी, शिवजी, विष्णुजी, देवी दुर्गा और सूर्य की पूजा अवश्य की जाती है। ज्योतिष के अनुसार हमारी कुंडली में सूर्य की शुभअशुभ स्थिति ही हमें मान-सम्मान व अपमान दिलाती है। इसीलिए कहा जाता है कि जो मनुष्य नियमित सूर्य पूजा करता है व सुबह सूर्य को अर्घ्य देता है उसको जीवन में यश व मान-सम्मान की प्राप्ति सहज ही हो जाती है साथ ही उसका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। कहते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ नहीं है उन्हें मकर संक्रांति पर सूर्य प्रतिमा या सूर्य यंत्र की स्थापना करके उसका पूजन करना चाहिए। इससे सूर्य के दोष कम हो सकते हैं। सूर्य प्रतिमा और यंत्र की स्थापना के लिए संक्रांति पर सुबह उठें स्नान के बाद सूर्य को प्रणाम करें, अर्घ्य अर्पित करें। सूर्य प्रतिमा पर गंगाजल और गाय का दूध चढ़ाएं। मूर्ति का विधिपूर्वक पूजन करें। पूजा में लाल पुष्प, चावल, कुमकुम सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। पूजा में जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का ही उपयोग करना चाहिए। इस दौरान आप सूर्य मंत्र- ऊँ घृणि सूर्याय नम: का जाप करते रहें। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। जाप के बाद इस मूर्ति और यंत्र की स्थापना अपने घर के मंदिर में कर दें। इसके बाद रोज इस सूर्य यंत्र की पूजा करनी चाहिए। साथ ही मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य चढ़ाएं। पानी में कुमकुम और लाल रंग के फूल डालें। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन किए गए दान का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन जरूरतमंद लोगों को कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन कराएं तो और भी ज्यादा शुभ रहता है।