विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का अलौकिक महत्व

 30 Jan 2020  2431

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
आज विद्या की देवी माता सरस्वती की पूजा का विशेष दिन है. वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। यहां यह जानना जरूरी है कि देवी सरस्वती की पूजा में किसी तरह की कोई गलती न हो ताकि पूजा का पूरा फल मिल सके। वहीं दूसरी ओर यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि सरस्वती की पूजा नियमानुसार ही की जानी चाहिए क्योंकि इसके शुभ फल मिल सके। इस बार वसंत पंचमी 29 जनवरी और 30 जनवरी की सुबह दस बजे तक के मुहूर्त में है. इसी दिन देवी सरस्वती की पूजा की जा रही है। यहां यह जानना जरूरी है कि वसंत पंचमी के दिन क्या किया जाए और क्या नहीं जिससे कि पूजा का पूरा फल मिल सके। सबसे पहले तो यह जान लें कि वसंत पंचमी के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए और मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए। वसंत पंचमी के दिन आपको अपनी विद्या देने वाली सभी चीजों का भी पूजन करना चाहिए। जैसे कि पुस्तकें, कलम आदि। यदि आप संगीत सीख रहे हैं तो आपको अपने संगीत के यंत्रों की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए क्योंकि मां सरस्वती को संगीत की देवी भी माना जाता है। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा में उन्हें हल्दी अवश्य अर्पित करें और उस हल्दी से अपनी पुस्तकों पर ऐं लिखें। ऐसा करने से आपकी विद्या से जुड़ी सभी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। वसंत पंचमी के दिन पुखराज और मोती धारण करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। यदि आप इस दिन मां सरस्वती को कलम अर्पित करके पूरा साल उस कलम से ही काम करते हैं तो आपको जीवन में तरक्की अवश्य प्राप्त होगी। वसंत पंचमी पर कुछ भी लिखने से पहले ऐं अवश्य लिखें। ऐसा करने से आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा। इस दिन मां सरस्वती को खीर का भोग अवश्य लगाएं और स्वंय भी पूरे परिवार के साथ मिलकर उस खीर को खाएं। वसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती को पीले अथवा सफेद फूल अवश्य अर्पित करें। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केवल पीली और सफेद मिठाई का ही भोग लगाएं। वसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले रंग के कपड़े धारण न करें क्योंकि इस दिन सफेद और पीले रंग के वस्त्र ही पहने जाते हैं।वसंत पंचमी पर विद्या देने वाली किसी भी चीज का अपमान न करें क्योंकि ऐसा करने से मां सरस्वती आपसे नाराज हो जाएंगी। इस दिन को फसल और हरियाली का त्योहार माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी फसल को न काटें और न ही किसी पेड़ को काटें।