रेलवे ने तीन साल बाद मर्द को औरत माना

 10 Feb 2020  1468

संवाददाता/in24 न्यूज़.
मर्द और औरत से ये दुनिया चल रही है. मगर कभी कभी लिंग को लेकर कई कहानियां सामने आ जाती हैं और पता चलता है कि किसी को मर्द से औरत बनना है तो किसी को औरत से मर्द। बहरहाल खबर है इज़्ज़तनगर से. तीन साल की लंबी लड़ाई व जद्दोजहद के बाद राजेश पाण्डेय रेलवे के रिकॉर्ड में महिला हो गए. लिंग परिवर्तन के बाद कागजात में पुरुष से महिला बनने के लिए जद्दोजहद कर रहे राजेश का नाम अखिरकार रेलवे के पास और मेडिकल कार्ड में भी बतौर महिला के रूप में दर्ज हो गया. हालांकि, अभी उनका नाम राजेश से सोनिया नहीं किया गया है, अगले कुछ दिनों में यह भी बदल जाएगा. मुख्य कारखाना प्रबंधक इज्जतनगर ने कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि रेलवे बोर्ड का अंतिम आदेश आने तक राजेश पाण्डेय को महिला माना जाए. इसी निर्देश के बाद राजेश पाण्डेय उर्फ सोनिया के पास और मेडिकल कार्ड में लिंग बदलकर पुरुष से महिला दर्ज कर दिया गया है. दरअसल, इज्जतनगर के मुख्य कारखाना प्रबंधक कार्यालय में कार्यरत तकनीकी ग्रेड-एक के पद पर तैनात राजेश पाण्डेय ने अफसरों से गुहार लगाई थी उसे रेलवे के रिकार्ड में महिला कर दिया जाए. मामला अनोखा और दुर्लभ होने के कारण इज्जतनगर मंडल ने मामले को पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम कार्यालय से दिशा-निर्देश मांगा था. यह मामला जब जीएम के सामले आया तो उन्होंने इसे बोर्ड को भेजा. आखिरकार रेलवे ने राजेश के पास और मेडिकल कार्ड पर लिंग महिला दर्ज कर दिया है. मुख्य कारखाना प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर जेंडर डिस्फोरिया यानी एक लिंग से दूसरे लिंग की चाह के तहत महिला की पहचान दी है. जेंडर डिस्फोरिया में अक्सर देखा गया है कि कुछ लोगों के स्त्री देह में पुरुष मन या पुरुष देह में स्त्री मन होता है. यह हार्मोन के बदलाव का नतीजा है. रेलवे चिकित्सालय के डॉ. सुबोध कुमार ने बताया कि कृत्रिम जेंडर परिवर्तन के बाद राजेश उर्फ सोनिया ने लिंग बदलाव के लिए आवेदन किया था. उसका मेडिकल हुआ. सोनिया ने बताया था कि पिता की मृत्य के बाद के मृतक आश्रित कोटे के तहत उन्हें 2003 में बरेली के वर्कशॉप में नौकरी मिली थी. सोनिया ने बताया कि उनको हमेशा से महिलाओं जैसा एहसास हो रहा था. उन्हें लगता था कि वे एक स्त्री हैं और गलत से पुरुष योनि में उनका जन्म हो गया है. उन्हें महिलाओं की तरह श्रृंगार करना अच्छा लगा था.घर वालों ने इंजीनियर राजेश की 2012 में बड़ी धूमधाम से शादी की थी. सोनिया बताती हैं कि छह महीने तक वह और उनकी पत्नी छह महीने तक एक साथ रहे, लेकिन कभी एक-दूसरे के करीब नहीं आए.सोनिया बताती हैं कि ये रिश्ता महज दो साल तक ही चल पाया और फिर उनकी पत्नी ने तलाक ले लिया. इसके बाद वह लिंग परिवर्तन करवाकर राजेश से सोनिया बन गई. सोनिया बनने के बाद उनके सामने नई पहचान को लोगों के सामने लानी मुसीबत बन गई है. सोनिया बताती हैं कि तलाक लेने के बाद उन्होंने बरेली के कई सेक्सोलॉजिस्ट से संपर्क किया. सभी ने मुझे दिल्ली जाने की सलाह दी. दिल्ली में सेक्सोलॉजिस्ट से मिली तो उन्होंने कहा कि खुश रहना है तो सर्जरी करवाकर लिंग परिवर्तन करवा लो. इसमें उनके दोस्तों ने भी खूब मदद की. दिसंबर 2017 में सर्जरी करवाकर वह वापस बरेली आ गईं.