एक गांव में नहीं जलती होलिका
09 Mar 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
रंगों के त्यौहार होली में लोग जमकर मौज मस्ती करते हैं. मगर सहारनपुर में एक ऐसा गांव हैं जहां वर्षों से हालिका का दहन नहीं किया जाता। इस गांव के लोगों का मानना है कि हाेलिका का दहन करने से भगवान शिव के पैर झुलस जाते हैं। गांव वाले बताते हैं कि, महाभारत काल में एक बार उन्हाेंने अपने गांव में होलिका दहन किया था। हाेलिका दहन से जमीन गरम हाे गई थी और जब रात में भगवान शिव गांव के बरसी महादेव मंदिर में पहुंचे ताे उनके पैर झुलस गए थे। तभी से इस गांव में हाेलिका दहन नहीं हाेता। 'बरसी' गांव सहारनपुर से करीब 32 किलाेमीटर दूर है। तीतरों थाना क्षेत्र के इस गांव में महाभारत कालीन ऐतिहासिक भगवान शिव का मंदिर है जिसे बरसी महादेव का मंदिर कहा जाता है। गांव वालों के अनुसार यह मंदिर महाभारतकालीन है। महाभारत के युद्ध के दाैरान अर्जुन ने इस मंदिर काे बनाया था। गांव के लोगों की ऐसी मान्यता है कि रात के समय में भगवान शिव इस गांव में विचरण करते हैं और यदि वह हाेलिका का दहन करेंगे ताे फिर से भगवान शिव के पैर झुलस सकते हैं। गांव के प्रधान बताते हैं कि होलिका का दहन ना करने की परम्परा उनके गांव में वर्षों से चली आ रही है। इस बार वह भी वह गांव में हाेलिका का दहन नहीं कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि गांव में हर वर्ष की तरह हाेली का उल्लास है और रंगों की हाेली वह इस बार भी खेलेंगे।