लॉकडाउन में बेटे को लाने के लिए मां ने 14 सौ किलोमीटर स्कूटी चलाई

 11 Apr 2020  982

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
दुनिया की  हर मां अपनी औलाद की सलामती और उसकी ख़ुशी के लिए हर किस्म का ख़तरा उठा लेती है. भले हालात चाहे कैसे भी हों! लॉकडाउन के चलते कई लोग ऐसे भी हैं जो लोग अपने घर तक नहीं पहुंच सके और जहां रह रहे थे वहीं फंसे रह गए। ऐसा ही मामला तेलंगाना में सामने आया जहां एक मां लॉकडाउन के दौरान करीब 1400 किलोमीटर स्कूटी चलाकर अपने बेटे को दूसरे राज्य से वापस घर लेकर आई। दरअसल, तेलंगाना के निजामाबाद की रहने वाली एक महिला शिक्षिका प्रदेश में लागू सख्त लॉकडाउन के बीच अपने एक साहसपूर्ण काम की वजह से चर्चा में हैं। निजामाबाद के बोधान में एक स्कूल में पढ़ाने वाली रजिया बेगम लॉकडाउन के कारण आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में फंसे अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए अपनी स्कूटी से ही निकल पड़ीं। तकरीबन 1400 किमी की दूरी स्कूटी से तय करने के बाद आखिरकार वह अपने बेटे को घर वापस लाने में सफल रहीं। रजिया बेगम आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के रहमताबाद में फंसे अपने बेटे को वापस लाने के लिए 700 किलोमीटर दूर गईं और फिर अपने बेटे को वापस लेकर आईं। इससे पहले बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन बढ़ाने की वकालत करते हुए तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि देश में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई अन्य प्रभावी तरीका नहीं है। मोदी द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की गई बातचीत में तेलंगाना राष्ट्र समिति के संसदीय दल के नेता के. केशव राव और लोकसभा में पार्टी के नेता नमा नागेश्वर राव ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि लॉकडाउन बढ़ाया जाए। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पहले ही इस तरह की राय रख चुके हैं। केशव राव ने मोदी से कहा कि लॉकडाउन से बहुत कठिनाइयां पैदा हुई हैं लेकिन इसे जारी रखना अपरिहार्य हो गया है। पुलिस से अनुमति पत्र लेकर रजिया ने अपनी स्कूटी से ही नेल्लोर जाने का फैसला किया। वह 7 अप्रैल को नेल्लोर पहुंच गई। निजामुद्दीन को साथ लेकर वह तुरंत वहां से निकल पड़ी और 8 अप्रैल को बोधान वापस लौट आई। इस दौरान रजिया ने स्कूटी से तकरीबन 1400 किमी की दूरी तय की। रजिया ने बताया कि नेल्लोर जाने के दौरान उसने जंगल के रास्तों का भी इस्तेमाल किया। ऐसा करते उसे किसी चीज से डर नहीं लगा। उन्होंने कहा कि तब दिमाग में केवल एक ही ख्याल था कि उसे अपने बेटे को वापस लाना है।