टिड्डियों का हमला अब महाराष्ट्र पर भी

 28 May 2020  787

संवाददाता/in24 न्यूज़.
पड़ोसी दुश्मन देश पाकिस्तान ने कई बार टिड्डियों से भारत की फसलों को नुक्सान पहुंचाने का काम किया. कोरोना संकट के बीच भी देश में टिड्डियों का हमला भी जारी है। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब टिड्डियों के झुंड ने हाहाकार मचा रखा है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पंजाब में रेगिस्तानी टिड्डों का दल बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर रहा है। सरकार का कहना है कि तीन दशकों में यह देश में सबसे खराब टिड्डी हमला है। कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 20, मध्य प्रदेश में 9, गुजरात में दो और उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक-एक जिलों के 47,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले 303 स्थानों पर टिड्डी रोकथाम के उपाय और छिड़काव अभियान चलाए गए हैं। सरकार भी इससे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। इसके लिए विशेष छिड़काव मशीनों का उपयोग हो रही है और नजर रखने के लिए 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और राज्य के कृषि मंत्रियों और कीटनाशकों कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं। सरकार कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए ड्रोन के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर रही है। टिड्डियों का जीवन सामान्यतया 3 से 6 माह का होता है. नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं। शिशु टिड्डी पेड़-पौधे खाती है, 5-6 हफ्ते में बड़ी हो जाती है। इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव है. टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है। ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है  फिलहाल मध्यप्रदेश में 8000 करोड़ की मूंग की फसल को इनसे खतरा है, बाकी राज्यों में ये कपास और मिर्ची को निशाना बना सकते हैं। भारत सरकार ने टिड्डी नियंत्रण की मुहिम में ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय ने बुधवार को इसका ऐलान किया. कृषि मंत्रालय के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को शर्तों के साथ टिड्डों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के लिए 'रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम' को मंज़ूरी दे दी है। पर्यावरण मंत्रालय में महानिरीक्षक (वन्यजीव) सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डी है जिसने बड़ी संख्या में भारत में हमला बोला है और इसके हमले से फसलों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल का भारत में आना सामान्य घटनाक्रम है लेकिन इस बार यह हमला बड़ा है। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े टिड्डे हैं, मुख्य रूप से ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के हैं, जिनमें उड़ने की अधिक क्षमता है और बड़े झुंडों में चलते हैं जिससे फसलों को बड़ा नुकसान होता है।