जवान के शहीद होने की खबर से मातम, ज़िंदा होने की खबर से खुशियों की बरसात
18 Jun 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
मातम का माहौल तब खुशियों से बदल गया जब एक जवान के शहीद होने की खबर आई थी. जब पता चला कि जवान सही सलामत और ज़िंदा है तब ख़ुशी का अंदाजा बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है. गौरतलब है कि भारत और चीन की सेना के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी. इसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. 20 जवानों की शहादत से पूरे देश में मातम छाया हुआ है. शहीदों में कई जवान बिहार के हैं. इस बीच मंगलवार शाम बिहार के सारण जिले के रहने वाले जवान सुनील कुमार के शहीद होने की खबर मिली थी. सेना ने जैसे ही इसकी जानकारी परिवारवालों को दी, सुनील कुमार के घर में मातम पसर गया था. दीघरा परसा के रहने वाले सुनील कुमार के गांव में भी मातम पसर गया था. पूरी रात घर वालों का रो-रोकर बुरा हाल था. लेकिन सुबह होते-होते घर में खुशियां वापस लौट आईं. बुधवार सुबह सुनील ने परिवारजनों को फोन करके सभी को चौंका दिया. सुनील कुमार ने अपनी पत्नी मेनका को सुबह फोन किया तो वह चौंक गईं. सुनील ने बताया कि मैं ठीक हूं, चिंता मत करो. इसके बाद मातम में डूबे परिवार में खुली की लहर दौड़ गई. सुनील ने पत्नी के अलावा परिवार के सदस्यों से भी बात की. सुनील ने बताया कि वह सुरक्षित हैं. पत्नी ने बताया कि मंगलवार शाम को पांच बजे उनके पास एक फोन आया था. फोन आर्मी की तरफ से आया था, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उनके पति सुनील कुमार शहीद हो गए हैं. इसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. लेकिन जैसे ही सुबह सुनील का फोन आया सब कुछ सही हो गया. सुनील की पत्नी ने कहा कि उनके पास गलत खबर आई थी. पत्नी ने बताया कि सुनील कुमार नाम के किसी और जवान की शहादत हुई है. लेकिन एक जैसा नाम होने की वजह से आर्मी की तरफ से गलतफहमी हो गई थी. पत्नी ने बताया कि उनके पति ने उनसे बात की और बताया कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है. उनकी जिंदगी लौट आई है. सुनील के सही सलामत होने की खबर जैसे ही गांव में फैली. गांव में पसरा मातम का सन्नाटा खुशी में बदल गया. बता दें कि चीनी सैनिकों के साथ झड़प में जो जवान शहीद हुए हैं उनका नाम सुनील राय है. उनके पिता का नाम सुखदेव राय है. वहीं जिस सुनील के घर फोन गया उनके पिता का नाम भी सुखदेव राय है. दो जवानों के नाम और उनके पिता का एक नाम होने की वजह से आर्मी की तरफ से यह गलतफहमी हुई. बहरहाल यह कहावत सौ फीसदी सच साबित हुई कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोय!