मांगने गए थे नौकरी बदले में मिली पुलिसिया लाठी
04 Sep 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
आज के दौर में एक तरफ कोरोना की महामारी है तो दूसरी तरफ बेरोजगारी। ऐसे में एक मामला सामने आया है कि नौकरी मांगनेवालों पर पुलिसिया लाठी बरसाए गए. रामगढ़ स्थित पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड प्रबंधन से रोजगार मांगने वाले गरीब मजदूरों पर पुलिस की लाठी बरसी है। इसके बाद पूरे पतरातू क्षेत्र में तनाव का माहौल कायम हो गया है। तनावपूर्ण स्थिति पर काबू पाने के लिए पतरातू में धारा 144 भी लागू कर दिया गया है। पीवीयूएनएल प्रबंधन के खिलाफ विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा ने शांतिपूर्ण आंदोलन की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद से संगठन के बैनर तले लगभग 25 गांवों के लोग निर्मल महतो स्मारक के समीप धरना पर बैठ गए थे। पिछले 3 दिनों से यह शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। गुरुवार की देर रात पतरातू पुलिस धरना स्थल पर पहुंची और लोगों को अपना धरना समाप्त करने को कहा। विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद ने पुलिस की बात को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने धरना पर बैठे सभी सदस्यों के साथ अपनी गिरफ्तारी देने की बात भी कही। इसके बाद पुलिस उनकी बात मानने से इनकार कर दिया और दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक शुरू हो गया। इसी दौरान पुलिस ने विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के लोगों पर लाठी बरसाना शुरू कर दिया। विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद ने बताया कि पीवीयूएनएल मजदूरों के साथ अन्याय कर रही है। पीटीपीएस की स्थापना में पतरातू प्रखंड के लगभग 25 गांवों के लोगों ने अपनी जमीनें दी थी। पतरातू, कटिया, सोलिया, सांकुल, रोचाप, हपुआ समेत अन्य गावों के लोगों को इस एवज में वहां रोजगार मिला था। जब से पीवीयूएनएल का गठन हुआ है तब से स्थानीय मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। एनटीपीसी बाहर के ठेकेदारों से अपना काम करवा रही है। यहां तक कि बाहरी मजदूरों को भी यहां लाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में स्थानीय मजदूरों की दशा खराब हो गई है। अब प्रबंधन के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा। इस पूरे प्रकरण में जिला प्रशासन ने धरना पर बैठे लोगों पर लाठीचार्ज करने की घटना से इनकार किया है। एसडीओ कीर्ति श्री ने बताया कि विस्थापित प्रभावित संघर्ष मोर्चा के लोगों के साथ जिला प्रशासन ने वार्ता की है। इसके बाद उन लोगों ने प्रशासन की बात से संतुष्ट होकर अपना धरना खत्म किया है। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है। इस वजह से कहीं भी भीड़ लगाना कानूनन जुर्म है। इस स्थिति पर काबू पाने के लिए पतरातू में धारा 144 लगाई गई है। उन्होंने कहा कि जब तक वहां स्थिति तनावपूर्ण रहेगी, तब तक यह धारा लागू रहेगी। बहरहाल मज़दूरों का संकट बरकरार है क्योंकि उनकी समस्या का सही समाधान नहीं हो पाया है.