कोरोना से 113 दिन तक अस्पताल में लड़नेवाला व्यक्ति लौटा घर
19 Dec 2020
857
संवाददाता/in24 न्यूज़.
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय वाली कहावत चरितार्थ करनेवाले लोग अपनी हिम्मत से से हर संकट का करने के बाद जीत हासिल करते हैं. विश्वव्यापी महामारी कोरोना कितने लोगों की जान चली गई, मगर एक शक्श ने लंबे समय तक इलाज के बाद देने में कामयाबी पाई है. गुजरात में 113 दिनों के अस्पताल में भर्ती होने के बाद एक 59 वर्षीय व्यक्ति कोरोना से पूर्णतः स्वस्थ होकर साबित कर दिया कि उसकी सोच ने उसे मजबूती दी और कोरोना को हारना पड़ा. उसे अहमदाबाद के नागरिक अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. 26 अगस्त को एक कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद रवींद्र परमार को पहले अहमदाबाद जिले के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उनकी हालत बिगड़ने के बाद अहमदाबाद के सोला के नागरिक अस्पताल में लाया गया था. गुजरात के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि रवींद्र परमार के ठीक होने का एक दुर्लभ मामला है क्योंकि उन्हें गंभीर हालत में सोला सिविल अस्पताल लाया गया था. यहां 113 दिनों में से, वह 90 दिनों के लिए आईसीयू में थे. अब उन्हें छुट्टी दी गई है. पटेल ने कहा कि यह गुजरात में किसी भी कोविड-19 रोगी के लिए सबसे लंबे समय तक अस्पताल में रुकने का मामला है और शायद देश में भी. डॉक्टरों ने उसे सबसे अच्छा इलाज दिया है. 59 वर्षीय रवींद्र परमार को अभी भी ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता है लेकिन इसे अब घर पर ही प्रबंधित किया जा सकता है. रवींद्र को अब कोविड-19 के लिए टेस्ट में नेगेटिव पाया गया है. इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी 102 दिनों तक अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में रहने के बाद संक्रमण से उबरे थे. बता दें कि परमार के स्वस्थ होने के बाद उनके परिजनों में गज़ब की ख़ुशी और उत्साह है.