12 बेटियों ने दी पिता को मुखाग्नि

 31 Jan 2021  1701

संवाददाता/in24 न्यूज़.
आज के दौर में बेटियों ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी मामले में बेटों से काम नहीं हैं. आमतौर पर भारतीय समाज में माता-पिता के पार्थिव शरीर को कंधा और मुखाग्नि देने की रस्म बेटें निभाते हैं, लेकिन महाराष्ट्र में एक पिता की अर्थी को 12 बेटियों ने कंधा देकर यह साबित कर दिया कि माता-पिता के लिए हर संतान बराबर है। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के वाशीम जिले के शेंदुरजना गांव में पुरुष प्रधान संस्कृति को पीछे छोड़ 12 बेटियों ने अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। 92 साल के बुजुर्ग सखाराम गणपतराव काले का 29 जनवरी को निधन हो गया। उन्हें कोई पुत्र नहीं था सिर्फ 12 बेटियां थीं। अंतिम संस्कार में बेटे की कमी उनकी 12 बेटियों ने पूरी कर दी। उनके पार्थिव शरीर को कंधा देकर श्मशान घाट पहुंचाया और मुखाग्नि दी। मृतक सखाराम गणपतराव काले गांव में बतौर सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहते थे, जिस कारण पूरा गांव उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुआ। अंतिम संस्कार के बाद उनकी बेटियों ने कहा कि हमारे पिता की अंतिम इच्छा थी कि हम सब उनका अंतिम संस्कार करें, और हमने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की है। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में बेटियों की जमकर तारीफ हो रही है.