मुंबई की क्राइम ब्रांच यूनिट 12 ने टक-टक गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये दोनों सदस्य ट्रैफिक जाम का फायदा उठाकर वाहन चालकों को लूट कर फरार हो जाते थे. पकड़े गए दोनों आरोपियों के नाम वसीम बाबू कुरैशी उर्फ वसीम हापुड़िया और नीलेश अशोक रंजन है. पुलिस को इनके पास से मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और यूनिवर्सल पास मिला है.
बताया जाता है कि पुलिस को टक-टक गैंग के सक्रिय होने की खबर मिली थी. साथ ही कई लोगों ने भी इस बात की शिकायत की थी कि कुछ लोग वाहनों में से कीमती सामान चुरा कर फरार हो जाते हैं. जिसके बाद पुलिस ने कई वारदात स्थलों का दौरा किया और वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। इस दौरान पुलिस को एक फुटेज में आरोपी नजर आ गए. जिसके बाद पुलिस ने इन दोनों की पहचान कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनके मोडस ऑपरेंडी के बारे में बताया जाता है कि ये दोनों आरोपी सड़क पर खड़े होकर किसी ऐसे वाहन चालक को निशाना बनाते थे, जिसके पास बड़ी गाड़ी होती थी. इन दोनों में से एक सदस्य वाहन चालक को अपनी बातों में उलझा कर रखता था जबकि दूसरा सदस्य पीछे से गाड़ी का दरवाजा खोलकर वहां रखे लैपटॉप या कीमती सामान चुरा कर फरार हो जाता था.
गिरफ्तार इन दोनों आरोपियों में से एक आरोपी पुराण हिस्ट्रीशीटर बताया जाता है, जिसके खिलाफ पहले भी खेरवाड़ी, मलाड, कस्तुरबा और दिंडोशी जैसे पुलिस थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस के अनुसार यह गैंग मुंबई में काफी दिनों से सक्रिय था. कथित गैंग के सदस्य कार की खिड़की पर लगे कांच को टकटक करके वाहन मालिक का ध्यान अपनी ओर खींचते थे, इसलिए इस गैंग का नाम टकटक गैंग पड़ा. फ़िलहाल पुलिस ने आशंका जताई है कि टकटक गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी से चोरी के मामलों में कमी आएगी, हालांकि पुलिस ने कार चालकों से सतर्क रहने की अपील की है.