LIC पॉलिसी के नाम पर बैंक अधिकारी ने ठग लिए 2 करोड़

 23 Feb 2022  404
संवाददाता/ in24 न्यूज़ 
 
 
 
अगली खबर मुंबई से सटे ठाणे के भिवंडी शहर की है. जहां एक कपड़ा व्यवसायी के साथ करीब 2 करोड़ रूपये से अधिक की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में एक सरकारी बैंक के प्रबंधक और बीमा कर्मचारी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया है. चूंकि ठगी की रकम अधिक है इसलिए इस मामले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ यानी ईओडब्ल्यू कर रही है. आपको बता दें कि भिवंडी के रहने वाले पॉवरलूम व्यवसायी नरसय्या गाजुला ने साल 2012 में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बीकेसी ब्रांच से 5 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। कुछ महीने पहले नरसय्या गाजुला बैंक में गया, तो बैंक के मैनेजर बालकृष्ण अय्यर ने गाजुला से कहा कि उसकी पत्नी एलआईसी एजेंट है और उसे टारगेट पूरा करना है इसलिए वह अपना बीमा करवा लें. साथ ही अय्यर ने गाजुला को  9 साल में रकम दोगुनी होने और रकम पर अतिरिक्त बोनस मिलने का भी लालच दिया। जिसके बाद बैंक मैनेजर की बात मानते हुए गाजुला ने पत्नी और बच्चों सहित खुद के नाम पर कुल एक करोड़ से अधिक रूपये का बीमा करवा लिया। गाजुला ने जब पॉलिसी खरीदी तो उस समय अय्यर ने गाजुला को तीन महीने के अंदर एलआईसी पॉलिसी के मूल कागज देने की बात कही थी। लेकिन तीन महीना बीत जाने के बाद भी गाजुला को कोई कागज पत्र नहीं मिला। जिसके बाद गाजुला ने जब एलआईसी कार्यालय जाकर वहां पता किया तो उसे ये बताया गया कि उसकी पॉलिसी सरेंडर हो चुकी है और उस पर लोन भी लिया गया है. इतना सुनते ही गाजुला के होश उड़ गए. यहीं नहीं, उसने जब संबंधित बैंक में जाकर पता किया तो उसे यह पता चला कि उसकी, और उसकी पत्नी व बच्चों के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके खाते से रुपये निकाल लिए गए थे और लोन की रकम किसी समीर दास नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दी गयी. ठगी का एहसास होने के बाद गाजुला ने बैंक प्रबंधक बालकृष्ण अय्यर, समीर दास और बीमा अधिकारियों के खिलाफ भिवंडी शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया। गाजुला का आरोप है कि बीमा कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से उसके साथ ठगी की गयी है। फिलहाल मामले के आगे की छानबीन ईओडब्ल्यू कर रही है।