मृत बेटे को जिन्दा करने की धर्म गुरु पिता की नाकाम कोशिश

 08 Nov 2017  1667
ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
मुंबई के पास अंबरनाथ में अंधविश्वास की एक ऐसी घटना सामने आई है जिसे देखने के बाद लोगों की आंखे खुली की खुली रह गयी। पुलिस भी हैरान है कि, आज भी 21वी सदी में  समाज अंधविश्वास के जाल में किस कदर जकड़ा हुआ है। 10 दिन पहले कैंसर की बीमारी के चलते हुई एक युवक की मौत के बाद कथित युवक का धर्मगुरु पिता अपने बेटे के फिर से जिंदा होने की उम्मीद में उसकी लाश लिए एक चर्च से दूसरे चर्च भटकता रहा।
   Mumbai Crime news in Hindi
10 दिन तक बच्चे के शव को सामने रखकर चर्च में प्रार्थना की जाती रही। इस उम्मीद पर कि मृतक युवक जिंदा हो जाएगा। आखिरकार इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी। दरअसल मुंबई के चिंचपोकली इलाके में रहने वाले पेशे से बिसफ़ धर्म गुरु ऑक्टविया जोसेफ का बेटा मिशख कुछ सालों से कैंसर से पीड़ित था। काफी उपचार करने के बाद भी उसकी जान नहीं बच पाई। आखिरकार मिशख ने दम तोड़ दिया लेकिन मिशख के पिता ऑक्टविया ने धर्मगुरु होने के नाते जो कुछ भी किया वह काफी चौका देने वाला था। विशख की मौत के बाद उसकी अंत्येष्टि की जानी चाहिए थी, लेकिन बेटे की चाह में पड़े अंधविश्वास से भरे धर्मगुरु बाप ने अपने बेटे पर ही प्रयोग शुरु कर दिए।
Ambernath Crime news in Hindi
मेरा बेटा फिर जिंदा हो सकता है, इस उम्मीद पर अपने बेटे के शव को मुंबई के नागपाड़ा इलाके के एक चर्च में रख दिया जहां 8 दिन तक ऑक्टविया अपने कुछ भक्तों के साथ प्रार्थना करता रहा। बेटा तो नहीं जिंदा हुआ अलबत्ता पुलिस जरूर जाग गई और तत्काल उस चर्च में जा पहुंची। पुलिस ने ऑक्टविया को फौरन मृत बच्चे की अंत्येष्टि करने का निर्देश दिया। ऑक्टविया ने अपने मृत बेटे की अंत्येष्टि करने का आश्वासन तो पुलिस को दे दिया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
Police Inspector In24news
अपने बच्चे को शव लेकर वह फिर मुंबई से 80 किलोमीटर दूर अंबरनाथ के जीसस फ़ॉर आल नेशन संस्था के हॉल में ले गया जहां एक छोटा सा चर्च भी है। उस चर्च में फिर से विशख की डेडबॉडी रखी गई और मृत शरीर को जिन्दा करने के लिए फिर से प्रार्थनाओं का दौर शुरू हुआ। चूंकि पुलिस स्टेशन से 10 कदम की दूरी पर यह सब कुछ हो रहा था इसलिए इसकी जानकारी तत्काल अंबरनाथ पुलिस को मिली। रात के अंधेरे में हो रही प्रार्थना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने वहां धावा बोल दिया।
Jesus for all nations church in24news
जिस समय पुलिस हॉल में पहुंची उस समय शव के सामने ऑक्टविया  और उसके लगभग 250 से 300 भक्त वहां प्रार्थना कर रहे थे। यहां पर एक बार फिर पुलिस ने ऑक्टविया से विनती की, कि मिशख की अंत्येष्टि फौरन कर दी जाए। लेकिन इस बार भी ऑक्टविया ने पुलिस के आदेश को नज़रअंदाज़ कर अपने बेटे के शव को लेकर नागपाड़ा चला गया। अब इस मामले में पुलिस कार्रवाई की बात कह रही है अंबरनाथ के एसीपी सुनील पाटिल का कहना है कि, इस मामले में नागपाडा पुलिस कार्रवाई कर रही है और जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज की जायेगी। हैरान करने वाली बात यह है कि, आज के आधुनिक युग में भी लोग अंधविश्वास के जाल में किस कदर जकड़े हैं कि एक कैंसर पीड़ित युवक के मरने के बाद भी उसे जिंदा करने के लिए उसके शव को 10 दिन तक रख कर प्रार्थना करते हैं दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और चारो तरफ इसी बात की चर्चा है कि एक चर्च का बिशप कैसे इस अंध श्रद्धा का शिकार हो गया।