सनातन संस्था का दावा, गिरफ्तार हुए आरोपियों से कोई लेना-देना नहीं
28 Aug 2018
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संवाददाता/in24 न्यूज़। दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था ने महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में विस्फोटकों और हथियारों की जब्ती के सिलसिले में गिरफ्तार लोगों को अपना सदस्य मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विस्फोटकों के साथ गिरफ्त में लिए गए और तर्कवादियों की हत्या में कथित तौर पर शामिल रहे लोग उसके सदस्य नहीं हैं।
सनातन संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने मुंबई में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि 'प्रगतिशील मानसिकता' वाले कुछ लोग, कांग्रेस व वाम मोर्चे जैसी राजनीतिक पार्टियां गलत काम का कोई साक्ष्य दिए बगैर ही संस्था को कठघरे में खड़ा कर रही हैं। बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र एटीएस द्वारा कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद सनातन संस्था पर पाबंदी लगाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है।
माना जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए लोगों के तार संस्था से जुड़े हैं। महाराष्ट्र एटीएस ने अगस्त 9 से 11 अगस्त के बीच पालघर जिले के नालासोपारा और पुणे में छापेमारी की और विस्फोटकों व हथियारों का कथित जखीरा रखने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
10 अगस्त और 24 अगस्त के बीच वैभव राउत, शरद कालसकर, सुधन्वा गोंडलेकर, शिवसेना के पूर्व पार्षद श्रीकांत पणगरकर और अविनाश पवार को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी एटीएस की हिरासत में हैं। वहीं तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की अगस्त 2013 में हुई हत्या की जांच कर रही सीबीआई ने हाल ही में औरंगाबाद के रहने वाले सचिन अंदुरे को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने एक अदालत को बताया है कि वह कालसकर के साथ प्रमुख शूटर था।
सीबीआई ने पुणे की एक अदालत को रविवार को यह भी बताया कि पिछले साल सितंबर में बेंगलुरु में हुई पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या और दाभोलकर की हत्या के बीच के तार जुड़े हुए हैं। गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रही कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने पिछले हफ्ते मुंबई में महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों से मुलाकात की थी ताकि दोनों एजेंसियां अपनी-अपनी जांच से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकें।
राजहंस ने बताया, 'हमारी संस्था को बिना वजह ही निशाना बनाया जा रहा है। हमारे खिलाफ आरोप बेबुनियाद और तर्कहीन है। गिरफ्तार किए गए 9 आरोपियों में से एक भी हमारी संस्था से नहीं जुड़ा है। हमने तो इससे पहले कालसकर, अंदुरे, सुराले बंधुओं और रागे के नाम भी नहीं सुने थे।' शुभम सुराले और उसके रिश्तेदार तथा रोहित रेगे पर सीबीआई ने 7.65 एमएम की एक पिस्टल छुपाने का आरोप लगाया है जो कथित तौर पर अंदुरे की थी।
कर्नाटक एसआईटी जांच कर रही है कि क्या यह हथियार गौरी लंकेश के बेंगलुरु स्थित घर के बाहर बरामद की गई गोलियों के खोखे (बुलेट केसिंग्स) से मिलता-जुलता है। राजहंस ने दावा किया कि गोरक्षा संगठन का पदाधिकारी वैभव राउत सहित चार सहित उसके संगठन के लिए अज्ञात हैं। उन्होंने कहा, 'देश भर में 320 से ज्यादा हिंदू संगठन हैं। तो कोई कैसे कह सकता है कि वे सभी सनातन संस्था से ताल्लुक रखते हैं।'