पंजाब के सीएम के लिए आया अंबिका सोनी का नाम

 19 Sep 2021  473

संवाददाता/in24 न्यूज़.
राजनीतिक हड़कंप के बाद पंजाब में नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने की तैयारी शुरू है।  इस कड़ी में पहला नाम कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी की करीबी मानी जाने वाली अंबिका सोनी का नाम सबसे मजबूत स्थिति में है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ महीनों तक चली खींचतान के बाद शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री का इस्तीफा ऐसे समय में हुआ है जब आगामी विधानसभा चुनावों में कुछ ही महीने रह गए हैं। साल 2022 में पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पंजाब की सियासत में हुए इस उठा-पटक का सीधा असर चुनाव पर देखने को मिल सकता है। कैप्टन के इस्तीफे के बाद राज्य में सीएम चेहरे की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हुई है जिसके चलते पार्टी की विधायक दल की बैठक आज फिर बुलाई गई है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस विधायक दल की एक और बैठक आज सुबह 11 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में भी विधायकों के साथ हाईकमान द्वारा भेजे गए तीनों पर्यवेक्षक मौजूद रहेंगे। इससे पहले शनिवार शाम चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता के चयन की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान को सौंप दी गई। वहीं दूसरी तरफ जानकारी ये भी है कि अंबिका सोनी पंजाब की मुख्यमंत्री बनाई जा सकती हैं। उनका नाम इस रेस में सबसे आगे है। बता दें कांग्रेस की सियासत में सोनी का लंबा अनुभव है और वह राज्य के होशियारपुर की निवासी हैं। सोनी, पंजाब से ही राज्यसभा की सांसद हैं। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू खेमे के कैप्टन विरोधी किसी नेता को सीएम की कुर्सी पर बिठा कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को आलाकमान और नाराज नहीं करना चाहता है। सूत्रों के मुताबिक अंबिका सोनी को चंडीगढ़ पहुंचने के आलाकमान ने निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नाम पर सहमति बन गई थी लेकिन यह भी पता चला है कि बैठक के दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने किसी हिंदू को विधायक दल का नेता बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जाट-सिख को नेता बनाने की मांग रख दी है। रंधावा अपनी इस मांग पर अड़े हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए हाईकमान ने रविवार को विधायक दल की फिर से बैठक बुलाकर नेता चुनने का फैसला किया है। शनिवार को राजभवन के एक बयान ने इस बात की पुष्टि की कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अमरिंदर सिंह और उनके पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह (79) और उनके मंत्रियों को उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति तक नियमित कामकाज के लिए पद पर बने रहने के लिए कहा गया है। यानी जल्द ही पंजाब को एक नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा।