वीर सावरकर पर लिखी गई पुस्तक पर मचा सियासी बवाल

 13 Oct 2021  602

संवाददाता/in24 न्यूज़।
वीर सावरकर पर लिखी गई उदय माहुरकर और चिरायु पंडित की लिखी किताब 'वीर सावरकर- द मैन हू कैन्ड प्रिवेंटेड पार्टिशन' के विमोचन पर सियासी बवाल मच गया है। इस पुस्तक के विमोचन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर महानायक थे, हैं और रहेंगे। उन्हें विचारधारा के चश्मे से देखने वालों को माफ नहीं किया जा सकता। वे हिंदुत्व को मानते थे, लेकिन वह हिंदूवादी नहीं थे। राष्ट्रवादी थे। उनके लिए देश राजनीतिक इकाई नहीं, सांस्कृतिक इकाई था। 20वीं सदी के सबसे बड़े सैनिक व कूटनीतिज्ञ थे सावरकर। राजनाथ सिंह ने कहा कि सावरकर के खिलाफ झूठ फैलाया गया। बार-बार यह बात कही गई कि उन्होंने अंग्रेजी सरकार के सामने अनेकों मर्सी पिटिशन फाइल की। मगर सच्चाई है कि मर्सी पिटिशन उन्होंने अपने को रिहा किए जाने को लेकर फाइल नहीं की थी। सामान्यता एक कैदी को पूरा अधिकार होता है कि अगर वह मर्सी पिटिशन फाइल करना चाहे तो वह कर सकता है। महात्मा गांधी ने उन्हें कहा था कि आप मर्सी पिटिशन फाइल कीजिए। महात्मा गांधी के कहने पर उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी और महात्मा गांधी ने अपनी ओर से अपील की थी, उन्होंने कहा था कि सावरकर जी को रिहा किया जाना चाहिए, जैसे हम शांतिपूर्ण तरीके से आजादी हासिल करने के लिए आंदोलन चला रहे हैं, वैसे ही सावरकर जी भी करेंगे। यह बात महात्मा गांधी जी ने कही थी। मगर उन्हें बदनाम करने के लिए इस प्रकार की कोशिश की जाती है कि उन्होंने मर्सी पिटिशन फाइल की थी, उन्होंने क्षमा याचना मांगी थी, उन्होंने रिहाई की बात की थी, ये सब बातें गलत और बेबुनियाद हैं। वहीं दूसरी तरफ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा जल्द ही विनायक दामोदर सावरकर को राष्ट्रपिता घोषित करेगी। ओवैसी ने कहा कि वे (भाजपा) इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। अगर यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता से हटा देंगे। सावरकर जिनके ऊपर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगा था और जिन्हें न्यायमूर्ति जीवन लाल कपूर की जांच में हत्या में सहभागी पाया गया था, उन्हें राष्ट्रपिता बना देंगे। अब देखना होगा कि यह विवाद बढ़ता है या थमता है!