बीजेपी नेता की पश्चिम बंगाल में गोली मारकर हत्या
18 Oct 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
अब भी पश्चिम बंगाल हिंसाग्रस्त है। पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के इटाहार के एक युवा भाजपा नेता मिथुन घोष की कुछ अज्ञात बदमाशों ने राजग्राम गांव में उनके घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी। भाजपा ने आरोप लगाया कि हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस के असामाजिक तत्वों का हाथ है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप से इनकार किया है। घटना रात 11 बजे की है। रविवार को जब घोष राजग्राम गांव में अपने घर के सामने खड़े थे, तब दो मोटरसाइकिलों पर सवार कुछ अज्ञात बदमाशों ने उनको पास से गोली मार दी। घोष को तुरंत रायगंज मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घोष की मौत ने उत्तरी दिनाजपुर में राजनीतिक बहस छेड़ दी जब भाजपा जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया कि हत्या तृणमूल की शरण में आए गुंडों का परिणाम थी। भाजपा उत्तर दिनाजपुर जिलाध्यक्ष बासुदेव सरकार ने कहा कि मिथुन घोष पार्टी के युवा मोर्चा के जिला सचिव थे। उनका घर इटाहार विधानसभा क्षेत्र के राजग्राम में है। उन्हें अलग-अलग समय पर फोन पर धमकाया गया। हमने मौखिक रूप से पुलिस में शिकायत भी की थी कि एक विशेष राजनीतिक दल के लोग मिथुन को धमका रहे थे। उन्हें कई तरह से परेशान किया गया लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। हमें रविवार रात करीब 11.30 बजे उनकी मौत की खबर मिली। मिथुन अपने घर पर थे। किसी ने उन्हें फोन किया और जब वह अपने घर से बाहर आए तो उन्हें गोली मार दी गई। अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई। हमें यकीन है कि हत्या के पीछे तृणमूल कांग्रेस के गुंडे हैं। हमें कानून पर भरोसा है। हम प्राथमिकी दर्ज करेंगे और पुलिस की कार्रवाई का इंतजार करेंगे। हम कानूनी रूप से घटना की निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं। वहीं इटाहार तृणमूल कांग्रेस के विधायक मुशर्रफ हुसैन ने कहा कि इस घटना से इटाहार तृणमूल कांग्रेस का कोई लेना-देना नहीं है। बदमाशों ने रात के अंधेरे में फायरिंग की होगी। उनके बीच सांप्रदायिक संघर्ष या कुछ और भी हो सकता है। पुलिस को मामले की जांच करने दीजिए। तृणमूल कांग्रेस हत्या की राजनीति में विश्वास नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने हमें समाज में शांति और सद्भाव लाने का निर्देश दिया है और हम उनके निर्देशों का पालन करना चाहते हैं। लोगों ने हमें वोट दिया है और उनका विश्वास जीतना हमारा कर्तव्य है। लोगों का विश्वास जीतने के लिए हमें लोगों को मारने की जरूरत नहीं है। बीजेपी हमेशा दूसरों पर आरोप लगाने में विश्वास करती है लेकिन उन्हें यह अच्छी तरह जानने की जरूरत है कि पार्टी के अंदर क्या हो रहा है। उन्हें दूसरों को दोष नहीं देना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत होती रही है।