अमरिंदर की नई पार्टी से उड़ी पंजाब कांग्रेस की नींद
03 Nov 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़।
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के गठन के बाद कांग्रेस की बेचैनी बढ़ गई है। पंजाब कांग्रेस में संभावित टूट और सत्ता के लिए जारी अंदरूनी रस्साकशी के बीच पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार देर रात तक मंथन किया। पार्टी की ओर से कहा गया कि सभी मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मजबूती से खड़े हैं और राज्य के विकास के लिए उठाए गए उनके कदमों की सराहना करते हैं। पंजाब कांग्रेस की ये मीटिंग पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद शुरू हुई। अमरिंदर सिंह ने पार्टी के भीतर लंबे समय से चल रहे अंदरूनी घमासान के बाद पहले मुख्यमंत्री पद छोड़ा था, बाद में उन्होंने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में अमरिंदर सिंह ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि उनके सामने मनगढ़ंत तरीके से आंकड़े रखे गए और कहा गया कि राज्य के नेता और विधायक उनका समर्थन नहीं करते हैं। बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया और अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के गठन की घोषणा की। पंजाब में कुछ महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सिंह ने कहा कि निर्वाचन आयोग को नए दल के नाम पर कोई आपत्ति नहीं है और बाद में औपचारिक रूप से इसका गठन किया जाएगा। कांग्रेस से इस्तीफा देने से कुछ दिन पहले ही अमरिंदर सिंह ने उन अटकलों को खारिज किया था, जिसमें कहा जा रहा था कि उन्हें मनाने के लिए कांग्रेस के साथ पिछले दरवाजे से उनकी बातचीत चल रही है। अमरिंदर सिंह ने सात पन्ने के त्यागपत्र में गांधी परिवार की आलोचना की और कहा कि उन्हें राज्य की सरकार से हटाने के लिए ‘साजिश’ रची गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत पर भी निशाना साधा। साथ ही अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को उन मंत्रियों के नाम का खुलासा करने की भी धमकी दी, जो उनकी सरकार के दौरान अवैध रूप से खनन में शामिल थे। उन्होंने अपने पत्र में यह भी इशारा किया कि कांग्रेस के कई सारे नेता उनके संपर्क में हैं और वे पाला बदल भी सकते हैं। अमरिंदर के पत्र के बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल मच गई और इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधायकों और पार्टी नेताओं की बैठक बुलाकर सभी को एकजुट रहने को कहा। मीटिंग के बाद चीफ मिनिस्टर ऑफिस ने एक बयान जारी किया और कहा कि सभी विधायकों और मंत्रियों ने मुख्यमंत्री चन्नी के साहसिक फैसलों की तारीफ की है। बयान में खासतौर पर मुख्यमंत्री की ओर से विधानसभा के स्पेशल सेशन का जिक्र किया गया था, जिसमें केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों और पंजाब में सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक बीएसएफ को अधिकार क्षेत्र देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जा सकता है। बयान में यह भी कहा गया है कि पार्टी नेताओं ने बिजली की दरें कम करने और बकाए की माफी के लिए भी मुख्यमंत्री की तारीफ की। बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी हिस्सा लिया। विधायकों के साथ वीडियो मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास डेढ़ महीने का वक्त है और वे कोशिश करेंगे कि इस दौरान सभी सुझावों को लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी योजना के लिए पैसे की कोई दिक्कत नहीं होगी। मुख्यमंत्री चन्नी का ये बयान सिद्धू के उन दावों के ठीक उलट है, जिसमें पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि राज्य वित्तीय परेशानियों से जूझ रहा है। अब देखना होगा कि पंजाब की जनता की नज़र में बड़ा नेता कौन साबित होता है!