चुनावी मैदान में जल्द उतरेंगे बिहारी बाबू

 17 Mar 2022  436

संवाददाता/in24 न्यूज़.
भाजपा को छोड़कर शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल हुए थे, मगर अब उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। 20 मार्च से आसनसोल में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे। उनके साथ उनकी बेटी और बॉलीवुड सुपर स्टार सोनाक्षी सिन्हा के भी रहने की संभावना है। 12 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आसनसोल संसदीय क्षेत्र से बालीवुड अभिनेता और भाजपा से अलग हुए शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट दिया है, जबकि बालीगंज से पूर्व केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से पूर्व सांसद बाबुल सुप्रियो को तृणमूल ने उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर, आसनसोल संसदीय और बालीगंज विधानसभा सीट से आखिरकार माकपा ने अपने उम्मीदवार उतार दिया है. आसनसोल संसदीय क्षेत्र से वाममोर्चा के मनोनीत माकपा उम्मीदवार पार्थ मुखर्जी चुनाव लड़ेंगे, जबकि बालीगंज विधानसभा सीट से भी वाम मोर्चा द्वारा स्वीकृत सायरा शाह हलीम लड़ेंगी। सायरा शाह बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की भतीजी हैं।  गौरतलब है कि शाह हलीम ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ अभियान चलाया था और वह सेना के पूर्व उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमीर उद्दीन शाह की बेटी हैं। सायरा और बाबुल सुप्रियो के चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही बालीगंज का मुकाबला हाईप्रोफाइल हो गया है। हलीम, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हासिम अब्दुल हलीम की बहू भी हैं। उम्मीदवार की घोषणा के बाद सोमवार को बाबुल सुप्रियो ने अपने ही केंद्र में प्रचार शुरू कर दिया।  वह गुरुवार की शाम को बालीगंज में एक होली मिलन समारोह में हिस्सा लेंगे, जबकि 20 मार्च को तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और दिग्गज अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में प्रचार करने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक़ शत्रुघ्न सिन्हा से राज्य के मंत्री मलय घटक ने बातचीत की है और चुनाव प्रचार की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई है। शत्रुघ्न सिन्हा उसी दिन से चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे। साथ में उनकी बेटी सोनाक्षी सिन्हा भी आ सकती हैं। वह चुनाव आयोग की अनुमति से रोड शो भी करेंगे। सूत्रों के मुताबिक़ आसनसोल सभी लोकसभा क्षेत्रों में प्रचार करेंगे। उनके प्रचार में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी भी जा सकती हैं। तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी बाबुल सुप्रियो के लिए प्रचार कर सकती हैं। अब देखना होगा कि बिहारी बाबू के आगमन से तृणमूल कांग्रेस को कितना फायदा होता है !