राज ठाकरे पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
03 May 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम देने के मामले में कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। दरअसल राज ठाकरे के खिलाफ शिराला की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 6 अप्रैल को गैर-जमानती वारंट जारी किया था। सांगली के शिराला में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 6 अप्रैल को मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ 2008 के एक मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 143, 109, 117, 7 और बॉम्बे पुलिस अधिनियम के 135 के तहत गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अदालत ने मुंबई पुलिस आयुक्त से गैर-जमानती वारंट के तहत मनसे प्रमुख राज ठाकरे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। हालांकि इसके बावजूद, मुंबई पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी को अंजाम नहीं दिया है। राज ठाकरे को एक पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। अदालत ने पुलिस से यह भी पूछा कि 6 अप्रैल को वारंट जारी करने के बाद भी राज के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। खबरों के मुताबिक, साल 2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य ठाकरे के समर्थन में परली में मौजूद राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की बसों पर पत्थरबाजी की थी। दरअसल रेलवे में पर प्रांतीय युवाओं की भर्ती मामले पर राज ठाकरे को साल 2008 में गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के विरोध में मनसे कार्यकर्ताओं ने राज्य में कई जगहों पर विरोध किया था। अंबाजोगाई में एसटी बस को भी निशाना बनाया गया था। इस संबंध में मामला दर्ज होने के बाद कोर्ट द्वारा राज ठाकरे को अक्सर पेश होने के लिए कहा जाता था। हालांकि, राज ठाकरे किसी भी सुनवाई में शामिल नहीं हुए। जमानत के बावजूद लगातार तारीखों पर हाजिर नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया। बता दें कि पुलिस ने औरंगाबाद में 16 शर्तों के साथ राज ठाकरे को रैली की अनुमति दी थी।