टीएमसी का नया नारा : इंडिया वांट्स ममता दी
14 May 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पश्चिम बंगाल में 2024 का लोकसभा चुनाव लगभग दो साल बाद मई की इन्ही गर्मियों में होंगे. लेकिन इस आम चुनाव की तपिश भारत की राजनीति में अभी से ही महसूस की जा सकती है. इस चुनाव में विपक्ष की ओर से पीएम पद का उम्मीदवार कौन होगा इस पर अभी तो कुछ तय नहीं है लेकिन 2021 में बीजेपी को बंगाल की सियासी पिच पर पटखनी देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस दावेदारी के लिए अपना नाम आगे बढ़ा दिया है. तृणमूल कांग्रेस ने अभी भी अपना नया कैम्पेन लॉन्च कर दिया है. इस कैम्पेन का नाम दिया गया है - इंडिया वांट्स ममता दी। गौरतलब है कि इस तरह का अभियान टीएमसी ने 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान चलाया गया. इस अभियान में टीएमसी ने नारा दिया था, 'बांग्ला निजेर मेये चाई'. यानी कि बंगाल को अपनी ही बेटी चाहिए. बंगाली अस्मिता के दम पर बंगाल चुनाव जीतने वाली टीएमसी की महत्वाकांक्षाएं अब राष्ट्रीय हो गई हैं. इस संदर्भ में पार्टी ने इंडिया वांट्स ममता दी का नारा दिया है. इसका मतलब है कि भारत ममता दीदी को चाहता है. डिजिटल अभियान के हिस्से के रूप में, टीएमसी अब इस अभियान को आगे बढ़ा रहा है. पार्टी को उम्मीद है कि वो अब देश भर के लोगों से जुड़ेगी और अपनी उपलब्धियों का प्रचार पूरे देश में करेगी. टीएमसी के कैम्पेन की पहली लाइन में लिखा है कि अब दिल्ली में होगी मां-माटी और मानुष की सरकार. टीएमसी के इस अभियान में कहा गया है कि इसका उद्देश्य बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को "2024 में भारत की पहली बंगाली पीएम बनाने के लिए जनता की राय को मजबूत करना है," ये समय तब होगा जब ममता बनर्जी राजनीति में चार दशक पूरी कर चुकी होंगी. टीएमसी ने इस कैम्पेन को धार देने के लिए Indiawantsmamatadi.com नाम से एक वेबसाइट लॉन्च किया है. इस वेबसाइट में कहा गया है कि जल्द ही पार्टी अपना अभियान देश भर में चलाएगी और ममता बनर्जी के विचारों को पूरे देश में पहुंचाएगी. इस वेबसाइट में कहा गया है कि हम चाहते हैं कि हर भारतीय को सुशासन मिले. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जनता के समग्र विकास के उद्देश्य से अपनी जन-समर्थक नीतियों को आगे बढ़ाया है. टीएमसी 2024 में जब ममता बनर्जी अपने राजनीतिक जीवन के 40 साल पूरे कर लेंगी तो उन्हें देश का प्रधानमंत्री बनाकर यही नीति को पूरे देश में ले जाना चाहते हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि टीएमसी के इस अभियान को लेकर अन्य राजनीतिक पार्टियां किस प्रकार की प्रतिक्रिया देती हैं.