महाराष्ट्र में शिंदे गुट और बीजेपी की चुपके-चुपके मुलाक़ात
26 Jun 2022
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
शिवसेना (Shivsena) का अंदरूनी संकट नया राजनीतिक मोड़ लेता जा रहा है। जहां शिवसेना सरकार से ज्यादा अपनी पार्टी को बचाने में जुटी है, वहीं भाजपा की सक्रियता भी अब नई सरकार बनने के लिए दिखने लगी है। इस बीच, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के बीच मुलाकात की खबर भी आई, लेकिन भाजपा ने अभी तक इस पूरे मामले पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। शिवसेना के बागी गुट के पास दो तिहाई विधायकों का समर्थन होने के दावे के बाद भी भाजपा खुलकर सामने नहीं आई है। इसकी कुछ वजह भी है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा चाहती है कि पहले बागी गुट को विधानसभा में मान्यता मिले या फिर विधायक दल और सांसदों के साथ संगठन स्तर पर भी शिवसेना में विभाजन हो। बागी गुट खुद असली शिवसेना होने का दावा करें। ऐसी स्थितियों में बागी विधायकों की सदस्यता तो बनी ही रहेगी साथ ही भाजपा के साथ विलय से भी बचा जा सकेगा। इस बीच, सभी की नजर एनसीपी नेता शरद पवार के भावी रुख पर भी लगी हुई है कि वह महा विकास आघाडी सरकार को बचाने के लिए कोई प्रयास करते हैं या शिवसेन को उसके हाल पर छोड़ देना चाहते हैं। फिलहाल शिवसेना अकेले ही लड़ाई लड़ रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई गई विभिन्न बैठकों में उम्मीद से कम नेताओं के पहुंचने से भी शिवसेना का संकट बढ़ा है। वहीं बागी भी बहुत संभलकर धीरे-धीरे आगे कदम बढ़ा रहे हैं और अभी तक ऐसा कोई कदम उठाया जिससे कि बाजी उसके हाथ से निकले। बता दें कि महाराष्ट्र में प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा लगातार बैठकों का दौर जारी है।