मातृशक्ति का मुकाबला नहीं कर सकते पुरुष - मोहन भागवत

 05 Oct 2022  637
ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज/नागपुर
 
दशहरा के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशम बाग में सालाना विजयदशमी कार्यक्रम को संबोधित किया. इस मौके पर पर्वतारोही संतोष यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. अपने संबोधन में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आर एस एस के कार्यक्रमों में अतिथि के नाते समाज की महिलाओं की उपस्थिति एक पुरानी परंपरा है. उन्होंने कहा कि पुरुष और महिला के लिए संघ और समिति अलग चलती है बाकी सभी कार्यों में महिला पुरुष साथ मिलकर काम करते हैं. सरसंघचालक ने कहा कि मातृशक्ति की बराबरी पुरुष नहीं कर सकते उनका कहना है कि जनसंख्या का सही संतुलन होना चाहिए, यह बोझ नहीं है. मोहन भागवत यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने कहा कि संयोग से आज के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संतोष यादव है, जो शक्ति और चेतना का प्रतिनिधित्व करती हैं. दो बार उन्होंने गौरी शंकर की ऊंचाइयों को पार किया है. दुनिया में संतोष यादव जैसे लोगों की वजह से भारत का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है. सुरक्षा के मामले में भी हम ज्यादा से ज्यादा आत्मनिर्भर बन रहे हैं. सरसंघचालक ने कहा कि आत्मनिर्भर के पथ पर आगे बढ़ने के लिए मूलभूत सिद्धांतों और विचारों को समझना वक्त की जरूरत है, जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करती है. आर एस एस के मुखिया ने कहा कि हमें महिलाओं को सशक्त करना चाहिए. महिलाओं के बिना समाज प्रगति नहीं कर सकता, हमारी इज्जत और साख दुनिया में बढ़ी है.
           नागपुर के रेशम बाग में आयोजित आर एस एस के कार्यक्रम का संचालन, स्वयं सेवकों के मार्च और दीक्षाभूमि स्मारक पर भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी. शहर में आर एस एस के कार्यक्रम को देखते हुए 4000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. वही आर एस एस के स्वयंसेवकों की दो विजयादशमी रैलियों के रास्ते पर कम से कम 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए. आर एस एस के लिए दशहरा साल का सबसे बड़ा दिन है चूंकि साल 1925 में दशहरे के ही दिन केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी. आरएसएस अपना स्थापना दिवस कभी नहीं मनाता. इसके बदले संघ दशहरा उत्सव मनाता है. इस दिन संघ के नागपुर मुख्यालय समेत विभिन्न दफ्तरों में शस्त्र की पूजा की जाती है. इसके अलावा शक्ति की पूजा-अर्चना होती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में पथ संचलन भी निकाले जाते हैं. कोरोना वायरस महामारी के कारण 2 साल तक आरएसएस ने दशहरा कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया था. संघ के उत्सव में अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को बुलाने की पुरानी परंपरा रही है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी आर एस एस के कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं, जिसकी खासतौर पर चर्चा हुई थी.