कोरोना काल में बीएमसी के कार्यों की जांच का शिंदे सरकार ने दिया आदेश

 31 Oct 2022  416

संवाददाता/ in24 न्यूज़।   
महाराष्ट्र की शिंदे फडणवीस सरकार ने कोविड काल के दौरान बृहन्मुंबई नगर निगम की कार्यप्रणाली की जांच के आदेश दिए हैं. लिहाजा बीएमसी के पिछले 2 साल के कामकाज की  नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानि कैग द्वारा जांच की जाएगी।  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई नगर निगम की ओर से कोरोना काल में किए गए 76 कार्यों की जांच नियंत्रक और महालेखा परीक्षक को सौंप दी है। कैग की जांच रिपोर्ट आने के बाद पर सरकार कठोर कार्रवाई करेगी।दरअसल, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने कोरोना काल में मुंबई नगर निगम की ओर किए गए 76 कार्यों में 12 हजार करोड़ रुपये गबन किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच से करवाये जाने की मांग की थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कैग को सौंपी है। सोमैया के आरोप के बाद विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने यह मामला उठाया था। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किरीट सोमैया की शिकायत के आधार पर इन आरोपों की कैग के माध्यम से जांच का आदेश दिया है। 
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद इस मामले की जांच कैग ने शुरू कर दी है। कोविड काल में लोगों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए बिना टेंडर प्रक्रिया के तत्काल सुविधाओं की व्यवस्था और सामान खरीदने को प्राथमिकता दी गई थी. हालांकि बीजेपी ने कई बार महाविकास अघाड़ी सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. अब राज्य सरकार ने कैग को इन सभी मामलों की जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. बीएमसी द्वारा कोविड केंद्रों का संचालन और चिकित्सा सेवा प्रदान करने का काम गैर-पारदर्शी तरीके से किया गया था. मसलन, लाइफ लाइन अस्पताल मैनेजमेंट सर्विस सर्विस को 5 केंद्रों का ठेका दिया गया था. जबकि इस कंपनी का गठन कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के समय हुआ भी नहीं था. इसके बाद कहा गया था कि यह फर्म अपंजीकृत हैं और करीब 100 करोड़ रुपये का ठेका गैर पारदर्शी तरीके से दिया गया है।  
 कोरोना काल के दौरान बीएमसी द्वारा की गई खरीद में मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था. दरअसल बीएमसी ने 7 अप्रैल 2020 को 1568 रुपए प्रति शीशी की रेट से रेमडेसिवीर की 2 लाख शीशियों का आर्डर दिया था. जबकि उसी दिन महाराष्ट्र सरकार के हाफकाइन इंस्टीट्यूट और और मीरा भायंदर नगर निगम ने 668 रुपए की दर से रेमडेसिवीर की शीशी खरीदी थी विभिन्न कोविड सेंटरों पर विभिन्न सामग्रियों की खरीद के लिए सहायक आयुक्त को वार्ड स्तर पर भी असाधारण अधिकार प्रदान किए गए थे. जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त थे।  कोविड केंद्रों के निर्माण के लिए जिस तरह से कोविड केंद्रों के ठेके दिए गए उसका भी विशेष ऑडिट किए जाने की जरूरत है। बीएमसी ने साल 2021 में जून-जुलाई में विभिन्न अस्पतालों में स्थापित होने वाले ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को खरीदने का आदेश दिया था इसके लिए हाईवे कंस्ट्रक्शन नाम की एक कंपनी को गैर पारदर्शी तरीके से ठेका दिया गया था हालांकि मंच तत्कालीन मंत्री असलम शेख ने इसका विरोध भी किया था क्योंकि यह कंपनी ब्लैक लिस्टेड थी.