गुजरात के विकास के लिए महाराष्ट्र को किया जा रहा है कंगाल -शिवसेना

 02 Nov 2022  317

संवाददाता/ in24 न्यूज़।  
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना की संपादकीय के जरिए एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। महाराष्ट्र में अपनी ही पार्टी में फूट के बाद शिवसेना को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागियों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली पार्टी में बगावत के बाद से ही शिवसेना अपने मुखपत्र सामना के जरिए शिंदे गुट और एनडीए सरकार पर हमलावर है। मुखपत्र सामना के संपादकीय में महाराष्ट्र से बाहर जाते उद्योग प्रोजेक्ट को लेकर शिवसेना ने सरकार को घेरा है. शिवसेना ने कहा कि वेदांता फॉक्सकॉन जैसी महत्वपूर्ण परियोजना महाराष्ट्र में स्थापित होने वाली थी. जिसमें लगभग डेढ़ लाख करोड़ का निवेश होना था। इस परियोजना से एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की गारंटी थी। लेकिन केंद्र सरकार यह परियोजना गुजरात खींच ले गई. इससे महाराष्ट्र उभर ही रहा था कि 22000 करोड़ रुपए की टाटा एयरवेज परियोजना का भी अपहरण कर गुजरात ले जाया गया.

महाराष्ट्र पर एक के बाद एक ऐसे आघात केंद्र सरकार द्वारा जारी है. महाराष्ट्र में शिंदे - फडणवीस की सरकार आने के बाद से चार बड़ी औद्योगिक परियोजनाएं गुजरात चली गई. यह परियोजनाएं कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश या बिहार नहीं गई. और न ही पिछड़े राज्य छत्तीसगढ़ और झारखंड गई. इन परियोजनाओं को तय करके पीएम मोदी और अमित शाह गुजरात ले गए है. और इस मुद्दे में पर सूबे के मुख्यमंत्री चुप्पी साध कर बैठे हुए हैं. वहीं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस झूठी जानकारी देकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं. चाहे वह फॉक्सकॉन परियोजना हो या फिर पुणे में स्थापित होने वाली इलेक्ट्रिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हो यही बात बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल उपकरण उत्पादन परियोजना के मामले में भी है। राज्य से अपहरण हो रही परियोजनाओं को खुली आंखों से देखने वाले मुख्यमंत्री अपने मिंधे गुट के साथ कहा जा रहा है कि राम के दर्शन के लिए अयोध्या नगरी को निकले हैं।


 महाराष्ट्र को कंगाल बनाने के लिए और राज्य के स्वाभिमान, मराठी अस्मिता को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र में शिंदे सरकार स्थापित हुई है. टाटा ने आज तक अपनी सभी परियोजनाओं के लिए महाराष्ट्र को प्राथमिकता दी है. वेदांता फॉक्सकॉन ने तो अपनी परियोजना के लिए जोर-शोर से तैयारियां भी की थी. लेकिन बाल से गला कटने जैसा ही हाल हुआ है. महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री क्या कर रहे हैं वह अपनी नाकामी छुपाने के लिए महाविकास आघाडी पर ठीकरा फोड़ कर अपनी जवाबदेही से पल्ला झाड़ रहे हैं। साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हिंदू स्वाभिमान, महाराष्ट्र का हित जैसे शब्दों का बुलबुला फोड़ कर सरकार बनाई है।  फिर अपनी विफलता का ठीकरा दूसरों पर क्यों फोड़ रहे हैं क्या इन परियोजनाओं को लेकर श्वेत पत्र जारी करेंगे। महाराष्ट्र से परियोजनाओं के अपहरण को लेकर दिल्ली पहुंचकर छाती पीटते हैं और 40 खोखेबाज विधायकों का महाराष्ट्र स्वाभिमान कितना प्रखर है यह देखने के लिए गुजरात में जाकर तांडव करो नहीं तो शिवराय का नाम लेने की नादानी मत करो।महाराष्ट्र के हाथ से जो उद्योग जा रहे हैं, उसके पेच छुड़ाना बेहद महत्वपूर्ण है. लाखों रोजगार छीनकर ले जाने वाले मोदी-शाह से डटकर जवाब मांगने की हिम्मत दिखाओ।