आदित्य ठाकरे की बिहार में एंट्री होते ही गर्माया सुशांत सिंह राजपूत का मामला
23 Nov 2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़/मुंबई
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और महाविकास आघाड़ी के पूर्व मंत्री (Aaditya Thackeray) की मुलाकात को लेकर सियासी घमासान मच गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान मौत मामले को लेकर शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut), आदित्य ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा बीजेपी प्रवक्ता और बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि, "जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई थी, उस दौरान आदित्य ठाकरे, संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने जिस तरह का बर्ताव किया था, उसे हम नहीं भूल सकते. तेजस्वी को बिहार विरोधी मानसिकता वाले और एसएसआर मौत के संदिग्ध संदिग्ध चरित्र वाले लोगों से मिलने का बहिष्कार करना चाहिए."
वहीं एक दूसरे ट्वीट में निखिल आनंद ने लिखा कि, "सुशांत-दिशा की मौत के बाद, MVA सरकार बॉलीवुड के बेबी-बाबा, ड्रग- हवाला- अंडरवर्ल्ड माफिया के संरक्षक के रूप में दिखी. जिस तरह सबूतों को नष्ट किया और सीबीआई जांच का विरोध किया, वह संदेह पैदा करता है. मैं चाहता हूं कि इन संरक्षकों का नार्को टेस्ट हो और भगवान हमें न्याय दें." इधर बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने भी इस मुलाकात को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि अगर पुत्र में कैपेसिटी होता तो अपने बल बूते पर अपना विरासत बनाता, लेकिन पिता के पैतृक संपत्ति के रूप में राजनीति को अपनाने वाले तेजस्वी यादव आज बिहार में फेल हो चुके हैं. यहां भी गठबंधन लड़खड़ा रही है. अब महाराष्ट्र में चले हैं बाल ठाकरे के परिवार से हाथ मिलाने और गलबहियां करने. जो बिहारी को अपमानित करने वाले व्यक्ति हैं, वैसे लोगों से सत्ता के लिए ये गले मिलने जा रहे हैं. वहां भी कुछ हासिल होने वाला नहीं है. बहरहाल तेजस्वी यादव और आदित्य ठाकरे की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने की ये कोशिश तेजस्वी यादव और आदित्य ठाकरे की है, इस तरह की चर्चा अब राजनीतिक गलियारे में होने लगी है.