छत्रपति शिवाजी महाराज पर बयानबाजी को लेकर राज्यपाल के खिलाफ याचिका
01 Dec 2022
892
ब्यूरो रिपोर्ट/in 24न्यूज़/मुंबई
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले पर बयान दिए जाने का मामला अब बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच चुका है. गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक सामाजिक कार्यकर्ता से यह जानना चाहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की हालिया टिप्पणी के खिलाफ उनकी याचिका कैसे एक जनहित याचिका हो सकती है. बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर राज्यपाल को बोलने से रोकने के आदेश अदालत कैसे पारित कर सकती है. याचिकाकर्ता दीपक मावला ने अपने अधिवक्ता नितिन सतपुते के माध्यम से दायर जनहित याचिका में छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले और ज्योतिबा फुले के खिलाफ कथित अपमानजनक और उपहासपूर्ण बयानों के लिए कोश्यारी के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है.
दरअसल पिछले सप्ताह औरंगाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कोश्यारी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के आदर्श थे. जिसके बाद महाराष्ट्र में सियासी घमासान मच गया. बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई में हाई कोर्ट से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भविष्य में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है, ताकि राज्यपाल के कार्यालय की गरिमा कम हो. लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि यह एक जनहित याचिका कैसे हो सकती है? और इसे क्या हम रोक सकते हैं ? हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका पर विचार करेगी और फिर तय करेगी कि मामले को सुनवाई के लिए कब रखा जाए. बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर राज्यपाल द्वारा की गई बयानबाजी पर महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है. जहां एक तरफ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बीजेपी समर्थन कर इसे राजनीतिक साजिश बता रही है तो वहीं सभी विपक्षी पार्टियां खासकर महाविकास आघाडी के नेता राज्यपाल के खिलाफ हैं.