महाराष्ट्र के सीमावर्ती गांवों का पड़ोसी राज्यों में विलय की मांग घातक !
10 Dec 2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई
महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद लगातार गहराता जा रहा है. इसी बीच महाराष्ट्र के कुछ सीमावर्ती ग्रामवासी अपने गांवों को कर्नाटक राज्य में विलय करने की मांग कर रहे हैं, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ सीमावर्ती गांवों का कर्नाटक सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में विलय की मांग करना राज्य के हित में नहीं है. केंद्रीय मंत्री आठवले ने कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये गांव राज्य का हिस्सा बने रहें और उनके बाशिंदों को समय रहते सभी सुविधाएं हासिल हों. ठाणे जिले के कल्याण में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम से इतर आठवले ने पत्रकारों से कहा कि वह सीमा विवाद पर चर्चा के लिए जल्द ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि सीमा विवाद कोई नया नहीं है, क्योंकि यह राज्य के गठन से पहले ही मौजूद था. हालांकि, अब नौबत यह आ गई है कि महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित कुछ गांव राज्य से अलग होना चाहते हैं, जोकि राज्य के लिए हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कर्नाटक की सीमा से सटे महाराष्ट्र के गांवों के लोग ही असंतुष्ट नहीं हैं, बल्कि मध्य प्रदेश और गुजरात की सीमा के पास स्थित गांवों के लोग भी पड़ोसी राज्यों में विलय के इच्छुक हैं. आठवले ने कहा कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दा फिलहाल अदालत में न्यायप्रविष्ठ है, लेकिन राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन सीमावर्ती गांवों को सभी सुविधाएं मिलें. और उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये गांव राज्य का ही हिस्सा बने रहें. कुल मिलाकर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच चल रहे सीमा विवाद मामले को सुलझाया नहीं गया, तो शायद आने वाले दिनों में दोनों राज्यों के बीच सियासी घमासान मच सकता है.