श्रद्धा वालकर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने उठाया यह कदम
14 Dec 2022
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ब्यूरो रिपोर्ट/in 24न्यूज़/मुंबई
श्रद्धा वालकर जैसी घटनाओं को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक समिति का गठन किया है. जो दूसरे धर्म और दूसरी जाति में शादी करने वाले जोड़ों की निगरानी करेगी. साथ ही ऐसी महिलाओं की जानकारी जुटाएगी, जो शादी करने के लिए अपने परिवारों से अलग हो गई हैं. समिति के प्रमुख और राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि इसका मकसद श्रद्धा वालकर जैसे मामलों पर लगाम लगाना है. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने इसका विरोध करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार को लोगों के निजी जीवन की जासूसी करने का कोई अधिकार नहीं है. दरअसल, राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया है कि "इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)" की अध्यक्षता मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे. समिति ऐसे विवाहों में शामिल महिलाओं के लिए जिला स्तर पर निगरानी करेगी, जो अपने परिवारों से अलग हो सकती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी मदद की जा सके. बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि समिति का गठन इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धा वालकर जैसा मामला दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि, "सच्चाई यह है कि श्रद्धा वालकर के परिवार वालों को यह पता ही नहीं था कि वह छह महीने पहले मर चुकी थी. हम एक और श्रद्धा नहीं चाहते हैं और यही कारण है कि समिति का गठन कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी शादियों में महिलाएं अपने परिवारों से दूर तो नहीं हैं.'' सरकारी प्रस्ताव में यह कहा गया है कि उक्त समिति महिलाओं और उनके परिवारों की काउंसलिंग करने और उनके बीच समस्याओं को हल करने के लिए एक बेहतर मंच होगी. कल्याणकारी योजनाओं और मामले से संबंधित कानूनों के बारे में राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों का अध्ययन करने के लिए पैनल में सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों के 13 सदस्य होंगे. समिति जिला अधिकारियों के साथ नियमित रूप से बैठकें करेगी और रजिस्टर्ड और गैर-रजिस्टर्ड अंतर्धार्मिक और अंतरजातीय शादियों की जानकारी इकट्ठा करेगी. इनमें ऐसी शादी शामिल होंगी, जो पूजा स्थलों में हुई हैं और जो भागकर की गई है. एनसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने एक ट्वीट में कहा कि, "अंतर-जातीय/धार्मिक विवाहों की जांच करने वाली समिति क्या बकवास है? कौन किससे शादी करता है, इसकी जासूसी करने वाली सरकार कौन है ? प्रगतिशील महाराष्ट्र किस दिशा की ओर बढ़ रहा है. लोगों की निजी जिंदगी से दूर रहें." हालांकि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली 'बाला साहेबांची शिवसेना' के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने इस कदम का स्वागत किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, "अंतर-धर्म और अंतरजातीय विवाहों के आंकड़ों का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तरीय समिति गठित करने के कदम का स्वागत है. सरकार द्वारा सही दिशा में उठाया गया सक्रिय कदम." कुल मिलाकर महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसी वारदातों को रोकने के लिए जो प्रयास किया है, उसको लेकर महाराष्ट्र की सियासत में घमासान मच गया है.