विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी को भेजी संयुक्त शिकायती चिट्ठी
05 Mar 2023
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के नौ नेताओं (nine leaders of the opposition) ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को संयुक्त चिट्ठी (joint letter) लिखी है। चिट्ठी में कहा गया है कि इस बात से आप में सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उन कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं। विपक्ष के 9 नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। चिट्ठी में विपक्ष ने सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग करने की बात कहते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की निंदा की है।चिट्ठी में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा पर भी निशाना साधा गया है। पत्र में लिखा गया है कि विपक्ष के जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, उनके खिलाफ जांच धीमी गति से होती है। चिट्ठी में यह राज्यपाल कार्यालय पर चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों के काम में दखल देने का आरोप भी लगाया गया है। कहा गया है कि राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच बढ़ती दरार का कारण बन रहे हैं। विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि केंद्रीय एजेंसियों की छवि खराब हो रही है। साथ ही उन्होंने इस पर चिंता भी जाहिर की है। चिट्ठी में आगे कहा गया है कि 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें गिरफ्तार करते समय उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं दिखाए गए। 2014 के बाद से जिन नेताओं पर भी एक्शन हुआ है, उनमें से ज्यादातर विपक्ष के ही हैं। पीएम मोदी को संयुक्त चिट्ठी लिखने वालों में प्रमुख हैं बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री और AAP नेता भगवंत मान, तेलंगाना के मुख्यमंत्री और BRS प्रमुख के चंद्रशेखर राव, UP के पूर्व सीएम और सपा चीफ अखिलेश यादव , बिहार के डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव, एनसीपी के मुखिया शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला। बता दें कि इसके पहले भी विपक्ष सरकार पर हमला करता रहा है।